संभल, काशी और अलीगढ़ के बाद अब उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक और बंद मंदिर की खोज हुई है। यह मंदिर लगभग 50 साल पुराना है और 1990 के बाद से वीरान पड़ा है। स्थानीय हिंदू संगठनों ने इस मंदिर के जीर्णोद्धार और पुनः धार्मिक गतिविधियां शुरू करने की मांग की है।
इस मंदिर को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के मेरठ प्रांत के पदाधिकारी सुनील सोलंकी ने बताया कि खुर्जा क्षेत्र में स्थित यह मंदिर 1990 के सांप्रदायिक तनाव के बाद बंद हो गया। उन्होंने कहा कि उस समय क्षेत्र में रहने वाले हिंदू परिवार पलायन कर गए थे।
#WATCH बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश: बुलंदशहर के खुर्जा थाना क्षेत्र में कई साल पुराना मंदिर मिलने की खबरों पर खुर्जा के SDM दुर्गेश सिंह ने बताया, “खुर्जा में सलमा हाकान मोहल्ला है जहां पर एक मंदिर को लेकर खबरें चल रही हैं। पिछले कुछ समय से तरह-तरह की खबरें प्रकाशित हो रही हैं… मैं… pic.twitter.com/UDh5NitvEE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 22, 2024
विहिप और जाटव विकास मंच ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर मंदिर की साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण करने की मांग की है। जाटव विकास मंच के अध्यक्ष कैलाश भागमल गौतम ने बताया कि यह मंदिर मूल रूप से जाटव समुदाय के लोगों द्वारा बनाया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर की मूर्तियों को समुदाय के एक परिवार ने नदी में विसर्जित कर दिया था।
प्रशासन का आश्वासन
खुर्जा के एसडीएम ने कहा कि मंदिर का ढांचा अब भी बरकरार है और स्थल को लेकर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही उचित कदम उठाए जाएंगे।
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब उत्तर प्रदेश में पुराने बंद मंदिर मिले हैं। इससे पहले संभल में एक 1978 से बंद शिव मंदिर को प्रशासन ने 14 दिसंबर को फिर से खोल दिया था। इसी प्रकार वाराणसी के मुस्लिम बहुल मदनपुरा क्षेत्र में भी एक 250 साल पुराना मंदिर मिला है, जो एक निजी घर के अंदर स्थित है।
विश्व हिंदू परिषद और जाटव विकास मंच ने मिलकर प्रशासन से इस मंदिर के पुनर्निर्माण और धार्मिक गतिविधियां फिर से शुरू करने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि यह न केवल धार्मिक आस्था को पुनर्जीवित करेगा, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द्र को भी बढ़ावा देगा।
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