9 सितंबर यानी आज के दिन, को यानी 9/11 के हमले की बीसवीं बरसी से दो दिन पहले ब्रिक्स देशों का आभासी माध्यम से शिखर सम्मेलन संपन्न हुआ, जिसमें अफगानिस्तान के ताजा हालात पर चर्चा हुई। संयुक्त घोषणा पत्र में कहा गया कि, ‘हम आतंकवाद से लड़ने की प्राथमिकता को रेखांकित करते हैं, जिसमें आतंकी संगठनों द्वारा अफगान क्षेत्र को आतंकी पनाहगाह के रूप में उपयोग करने और अन्य देशों के खिलाफ हमले करने के साथ-साथ अफगानिस्तान में मादक पदार्थों के व्यापार को रोकने के प्रयास शामिल हैं। हम मानवीय संकट के निदान और महिलाओं, बच्चों एवं अल्पसंख्यकों समेत सबके मानवाधिकारों को बनाए रखने की जरूरतों पर जोर देते हैं।’
इसमें अफगानिस्तान में स्थिरता का भी जिक्र करते हुए कहा गया है कि, ‘हम एक समावेशी अंतर-अफगान वार्ता को बढ़ावा देने में योगदान करने की जरूरत पर बल देते हैं, ताकि वहां स्थिरता, नागरिक शांति, कानून-व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।’ एक अस्थिर अफगानिस्तान के परिणामों के बारे में भारत के साथ चीन और रूस के चिंतित होने से इसकी चर्चा आवश्यक थी। अभी इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि निकट भविष्य में अफगानिस्तान का रुख कैसा होगा, हालांकि संकेत अच्छे नहीं दिखाई दे रहे हैं।
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