CATEGORIES

March 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
24252627282930
31  
Friday, March 14   12:07:06

वडोदरा का दिवाली सेलिब्रेशन क्यों होता है खास!

दिवाली यानी खुशियों का त्योहार। इस दिन को हर घर परिवार में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। घर को सजा कर, दिए जला कर, पटाखों की गूंज में इस त्योहार का माहोल ही अलग होता है। सिर्फ घर ही नहीं पूरा शहर सजा दिया जाता है । जिस भी रास्ते से गुजरे हमे रोशनी दिखती है। फिर चाहे आप किसी भी शहर में रहते हो। यही तो खासियत है दीपावली की। ये त्योहार है रोशनी का, खुशियों का, जश्न का, स्वादिष्ट मिठाईयां और पकवानों का और वडोदरा शहर तो अपने त्योहारों के उत्सव के लिए मशहूर है ही। फिर चाहे वो नवरात्रि की धूम हो, या दिवाली की। दिवाली की तैयारी जोरों शोरों से शुरू हो चुकी है। रास्ते पर कही पटाखों की तो कही रंगोली और अलग-अलग डिजाइन के दियो की दुकानें दिख जाएंगी। कही सेल तो कही होल सेल। बच्चे, बड़े, बूढ़े सभी अपनी शॉपिंग के लिए निकल पड़े है। वडोदरा के अलग अलग मार्केट्स में लोगो की भारी भीड़ लगी है।

दिवाली और रंगोली जैसे भाई बहन ही है। दिवाली आते ही घरों में सुंदर सुंदर रंगोलियां बनाई जाती है, इसके साथ ही कलाकारों द्वारा रंगोली से पेंटिंग्स भी तैयार की जाती है। वडोदरा में कुछ खास एग्जिबिशन इस साल दिवाली के मौके पर लग रहे है, जहा अपने हाथों से दिन रात की मेहनत से बिल्कुल रियलिस्टिक पेंटिंग रंगोली से बनाई गई है। वडोदरा कलानगरी के नाम से यूंही नही जाना जाता, यहां कलाकारों को प्रोत्साहित कर उन्हे आगे बढ़ने का मौका भी दिया जाता है।

दिवाली के मौके पर पूरे वडोदरा शहर को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है। बड़े-बड़े शोरूम्स से लेकर छोटी छोटी दुकानें, कलेक्टर ऑफिस और सभी जगहों को।

अब दिवाली है और पटाखों की बात न हो तो दिवाली पूरी कैसे लगेगी। बाजारों में सड़कों पर तो कही दुकानों पर,पटाखों की खूब बिक्री हो रही है। लेकिन कई बार पटाखों की दुकानों में दुर्घटनाओं की खबरें भी हमने सुनी है। इस वजह से फायर ब्रिगेड द्वारा व्यापारियों के लिए एक सूचना जारी की गई।जिसमें गाइडलाइंस दी गई है की सभी दुकानों के बीच 3 मीटर का डिस्टेंस होना चाहिए। साथ ही जरूरत पड़ने पर इन दुर्घटनाओं से बचा जा सके उसके लिए पानी के ड्रम और अन्य चीजें भी दुकान के आस पास रखने को कहा गया। जिससे की किसी अनहोनी से बचा जा सके।

दिवाली पर्व है अपने अंदर के अंधकार को मिटा कर सभी की जिंदगी को जगमगा देना। ये त्योहार हमें सीखाता है की हमे कभी भी अंधकार से नही डरना चाहिए क्योंकि एक छोटे से दीपक की लो भी काले अंधकार को प्रकाश में बदल देती है। ये त्योहार ही तो है जिसकी वजह से आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है।