ईद-उल-फितर (Eid-ul-Fitr ) रमजान महीने के अंत में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण मुस्लिम त्योहार है। यह एक महीने तक चलने वाले रोजे के बाद मनाया जाता है। इस बार भारत में ये त्योहार 11 अप्रैल को मनाया जा रहा है। यह तारीख चांद दिखने पर तय होती है। इसे मीठी ईद भी कहा जाता है।
ईद उल फितर मनाने के मुख्य कारण:
रमजान के रोजे की समाप्ति: रमजान महीने में मुस्लिम सूर्योदय से सूर्यास्त तक रोजे रखते हैं। ईद उल फितर इन रोजे की समाप्ति का प्रतीक है।
अल्लाह का शुक्रिया अदा: मुस्लिम ईद उल फितर के दिन अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने उन्हें रमजान के रोजे रखने की शक्ति और तौफीक दी।
भाईचारा और दान: ईद उल फितर भाईचारे और दान का त्योहार भी है। इस दिन मुस्लिम एक-दूसरे से गले मिलते हैं, मिठाइयाँ बांटते हैं और गरीबों को दान देते हैं।
खुशी और उत्सव: ईद उल फितर खुशी और उत्सव का त्योहार भी है। इस दिन मुस्लिम नए कपड़े पहनते हैं, एक-दूसरे के घर जाते हैं और विशेष व्यंजन बनाते हैं।
ईद उल फितर दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह एक ऐसा त्योहार है जो भाईचारे, दान और खुशी का प्रतीक है।
ईद उल फितर के दिन मुस्लिम सुबह जल्दी उठकर नमाज अदा करते हैं। यह नमाज ईदगाह या मस्जिद में अदा की जाती है।
इस दिन मुस्लिम नए कपड़े पहनते हैं। यह खुशी और उत्सव का प्रतीक है।
इस मौके पर मुस्लिम एक-दूसरे से गले मिलते हैं और ईद की मुबारकबाद देते हैं।
ईद उल फितर के दिन मुस्लिम मिठाइयाँ बांटते हैं और एक-दूसरे को खिलाते हैं।
मुस्लिम गरीबों को दान देते हैं। यह दान ज़कात कहलाता है।
ईद उल फितर के दिन मुस्लिम विशेष व्यंजन बनाते हैं। इन व्यंजनों में शीर-खुरमा, सेवईं, और बिरयानी शामिल हैं।
इस अवसर पर मुस्लिम परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताते हैं। वे एक-दूसरे के घर जाते हैं और खुशियां मनाते हैं।
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