हालही में दिल्ली HC में केस लड़ते हुए WhatsApp ने बड़ा ऐलान किया है। WhatsApp ने कहा कि अगर उसे मैसेजेस एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए मजबूर किया गया, तो वह भारत में सर्विस देना बंद कर सकता है और भारत छोड़कर चला जाएगा।
दरअसल कुछ समय पहले META के दो बड़े प्लेटफॉर्म WhatsApp और Facebook ने नए संशोधित IT नियमों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दर्ज की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने दिल्ली HC में ट्रांसफर कर दिया था। कंपनी ने कोर्ट में कहा कि नए नियमों से यूजर की प्राइवेसी खतरे में आ सकती है। इस मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच कर रही है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने 2021 के इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) के नए संशोधित नियमों को चुनौती दी है। इन नियमों के तहत WhatsApp को चैट का पता लगाने के साथ-साथ यह भी पता करना होगा कि मैसेज पहली बार कहां से किसके पास भेजा गया था। तो WhatsApp ने कहा कि अगर ऐसा किया गया तो यूजर की प्राइवेसी नहीं रहेगी। और यह उनके नियमों का उलंघन होगा।
अपनी वकालत करते हुए एडवोकेट कीर्तिमान सिंह ने बताया कि इस गाइडलाइन (IT नियम) के पीछे का विचार मैसेज के सोर्स का पता लगाना था। वैसे भी, समय के अनुसार मैसेज को ट्रेस करने का कोई मैकेनिज्म होना ही चाहिए। अगर IT नियम 2021 लागू नहीं किया गया, तो एजेंसियों को फर्जी मैसेज के सोर्स का पता लगाने में दिक्कत होगी। ऐसे मैसेज फिर अन्य प्लेटफॉर्म्स में फैल जाएंगे और फिर समाज में शांति-सद्भाव बिगड़ सकता है।
साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि इंटरनेट ओपन होना चाहिए, सेफ और ट्रस्टेड होना चाहिए और प्लेटफॉर्म यूजर्स के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। किसी को भी भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों को छीनने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
वहीं दूसरी ओर WhatsApp के वकील उसकी वकालत करते हुए बोले कि IT नियम 2021 एन्क्रिप्शन के साथ यूजर्स की प्राइवेसी को कमजोर करता है। यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है। दुनिया में कहीं और ऐसा कोई नियम नहीं है, Brazil में भी नहीं। यह नियम उपयोगकर्ताओं की प्राइवेसी के खिलाफ है और नियम बिना किसी परामर्श के पेश किया गया था।
दोनों पक्षों के बीच हुई बहस के बाद हाईकोर्ट ने बीच का रास्ता निकालने को कहा। इस पूरे मामले पर वॉट्सऐप ने कहा, ‘हम अपने यूजर्स की प्राइवेसी का उल्लंघन करने वाले नियमों का विरोध करने के लिए दुनियाभर के एक्सपर्ट के साथ चर्चा कर रहे हैं। इस बीच हम भारत के साथ भी बीच का रास्ता निकालने के लिए बात कर रहे हैं।” तो अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी।
केंद्र सरकार ने Information Technology ((Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) नियम 2021 तैयार किया था, जो ओटीटी और डिजिटल पोर्टलों को संबंधित शिकायत निवारण प्रणाली तैयार करने का निर्देश देता है। नियमों के तहत, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को पूछे जाने पर “सूचना के पहले प्रवर्तक” की पहचान का खुलासा करना आवश्यक होता है। और इसी नियम का विरोध करते हुए WhatsApp और सरकार के बीच कानूनी लड़ाई चल रही है।
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