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Sunday, December 22   11:18:48

Hit And Run Law : क्या है ‘हिट एंड रन’ कानून, बदलावों के बाद क्यों मचा देश में बवाल

Hit And Run Law:  देश भर में केंद्र सरकार के ‘हिट एंड रन’ कानून का विरोध प्रदर्शन हो रहा है। कई राज्यों में ट्रक ड्राइवर हड़ताल कर रहे हैं। वहीं पुलिस-ट्रक ड्राइवर के बीच पथराव और फायरिंग के बीच तनाव बढ़ गया है। आइए जानते हैं आखिर क्या है ‘हिट एंड रन’ कानून-

केंद्र सरकार द्वारा हालही में कानून में एक नया बड़ा परिवर्तन किया गया है। इसमें भारतीय दंड संहिता के स्थान पर अब भारतीय न्याय संहिता की मंदूरी दे दी गई है। ये कुछ ही वक्त में पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। इसके तहत कई मामलों में सजा और जुर्माने के प्रावधान बदल दिए गए हैं। हिट एंड रन कानून में किए नए प्रावधानों को लेकर हंगामा मचा हुआ है। इसका असह मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में दिख रहा है।

जानें क्या है हिट एंड रन कानून

हालही में सरकार द्वारा भारतीय न्याय संहिता को संसद से मंजूरी दे दी गई है। आने वाले वक्त में ये भारतीय दंड संहिता (IPC) के प्रावधान को रिप्लेस करेंगे। नए कानून में हिट एंड रन के मामले में गलत ड्राइविंग या लापरवाही होने पर यदि किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है या ड्राइवर बिना पुलिस को सूचना दिए मौके से भाग जाता है तो उसे 10 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा 7 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है।

आखिर इस नए नियम की जरूरत क्यों पड़ी

फिल हाल सबसे अहम मुद्दा ये है कि मोटर चालकों से जुड़े हिट-एंड-रन कानून की जरूरत आखिर क्यों पड़ी। इस मामले में सबसे बड़ा मुद्दा ये है कि अपराध स्थल पर अपराधी के खिलाफ किसी भी प्रत्यक्ष सबूत का अभाव होता है। इस कारण से पुलिस अधिकारियों के लिए जांच को आगे बढ़ाना और अपराधी को ढूंढना बेहद कठिन हो जाता है। इसमें से अधिकतर अपराधी भाग जाते हैं और शायद ही कभी पकड़ में आ पाते हैं। दूसरी वजह ये है कि जिन गवाहों पर जांच निर्भर करती है वे भी मदद करने से कतराते हैं क्योंकि वे किसी भी प्रकार के कानूनी मसले में उलझना नहीं चाहते हैं।

क्यों किया जा रहा इसका विरोध

नए नियमों को लेकर ट्रक ड्राइवरों द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्हें डर है कि ये कानून उनके खिलाप बनाया गया है। यदि नए नियमों के अनुसार वे घायलों की मदद करने जाते हैं तो उन्हें भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान का दावा है कि संशोधन से पहले जिम्मेदार व्यक्तियों से सुझाव नहीं लिए गए। इसके अलावा मदान ने यह भी कहा कि देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव है। पुलिस वैज्ञानिक जांच किए बिना ही दोष बड़े वाहन पर लगा देती है।