भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक ग्रुप को भारत ने निर्वासित कर देश के बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
यूनाइटेड नेशन मिलिट्री ऑब्जर्वर ग्रुप को भारत ने देश से निर्वासित कर बाहर जाने का रास्ता दिखा दिया है।
सबसे पहले तो यह जानते है कि ये ग्रुप है क्या,और भारत में क्या काम करता था?भारत देश के आजाद होने के बाद सन 1948 से भारत में यह ग्रुप काम कर रहा था।इसका काम था कश्मीर और पाकिस्तान मुद्दे पर नजर रखना।लेकिन भारत पर इसकी कुछ खास ही तीखी नजर थी।
यूनाइटेड नेशन मिलिट्री ऑब्जर्वर ग्रुप के करीब 40 सदस्य के ट्रैवलिंग,भोजन ,रहने घूमने का तमाम खर्च भारत सरकार भुगत रही थी।इसके बावजूद भारत के खिलाफ इनके कड़े बयानों और आरोपों के साथ खर्च भत्ता बढ़ाने की इनकी मांग थी।इस टेढ़ी खीर से परेशान भारत सरकार ने 2014 और 2017 में कई सवाल भी उठाए थे, और इनको भारत से चले जाने की बात कही थी ।
1972 के बाद तो इस ग्रुप के पास किसी भी प्रकार की शिकायत भी नहीं हुई थी, ऊपर से इस ग्रुप द्वारा कश्मीर मसले को त्रिपक्षीय करने की भी कोशिश की जारी थी। अतः केवल 30 मिनट में भारत सरकार ने इस ग्रुप का वीजा रद्द कर दिया, और 10 दिनों में ही भारत छोड़ने की नोटिस दे थी। इस तमाम कार्यवाही के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
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