अयोध्या के राम मंदिर में कल रामलला की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई यह प्राण प्रतिष्ठा सफलता पूर्वक संपन्न हुई। अरुण योगिराज द्वारा बनाई गई यह 51 इंच बड़ी, 5 साल के उम्र की रामलला की मूर्ति बहुत सुन्दर है। इसके चेहरे पर एक नूर है जिसे देखकर ऐसा लगता है मानो यह मूर्ति आपको देख रही हो और आपसे बातें कर रही हो।
आजकल AI का दौर चल रहा है। सब लोग AI से कुछ न कुछ बना रहे हैं। कुछ-कुछ जगह यह काम आता है, लेकिन कुछ-कुछ जगह इसका उपयोग गलत कामों के लिए भी किया जा रहा है। AI से तो अब हमारे रामलला भी नहीं बच पाए। कल प्राण प्रतिष्ठा के बाद जैसे ही मूर्ति की तसवीरें वायरल हुई, लोगों ने उनके AI वीडियो बनाना शुरू कर दिए। उन वीडियो में रामलला को बोलते हुए, इधर उधर देखते हुए, और चेहरे के भाव बदलते दिखाया जा रहा है। यह वीडियो पूरे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस वीडियो पर कई लोगों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही है। ज्यादातर लोगों का कहना है कि कल ही रामलला अपने धाम वापस पधारे हैं और आज उनकी तस्वीरों के साथ ऐसा करना गलत है। हमें AI का इस्तेमाल अच्छी चीज़ों के लिए करना चाहिए, ना कि इन सबके लिए। एक तो ऐसा करने से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं। इससे यह भी एक अफवाह फ़ैल सकती है की मूर्ति जीवित है। जोकि सही नहीं होगा। ट्विटर पर वायरल हुए यह वीडियो का कई लोग विरोध कर रहे हैं। कोई कह रहा है क्यों भगवान का नाटक बना रहे हो, तो कोई AI वीडियो बनाने वालों को ही कटाक्ष में बोल रहे हैं की अपनी काबिलियत का कहीं और उपयोग करो, भगवान पर नहीं।
यह वीडियो देखकर पूरा इंटरनेट भाव विभोर हो गया है। मगर यह देखें तो खुदके उसूलों के खिलाफ है।
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