Abraham Lincoln अमेरिका के 16 वें और पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे। उनका जन्म 12 फ़रवरी, 1809 में Hodgenville, Kentucky से 3 मील दक्षिण में एक बैकवुड्स केबिन में हुआ था। उनका प्रारंभिक जीवन बहुत ही कठिनाइयों में गुज़रा। उनका जन्म एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। लिंकन जब महज 9 साल के थे तब उनके सर से उनकी मां का साया उठ गया। मां के देहांत के बाद उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली।
उनकी दूसरी बीवी का नाम सारा बुश जॉनसन लिंकन था। वह खुद एक विधवा और दो लड़कियाँ और एक लड़के की माँ थी। इसके बावजूद भी उनके पास लिंकन को देने के लिए भरपूर स्नेह था। माँ तो माँ होती है चाहे सगी हो या सौतेली। लेकिन इन्होने लिंकन को सगी माँ से भी ज़्यादा प्रेम किया। कुछ ही समय में लिंकन अपनी इस नई माँ के बहुत करीब आए और उन्हें माँ बुलाने लगे (पहले नहीं बुलाते थे)। सबसे ज़्यादा ख़ुशी की बात तो यह है कि लिंकन को वह अपने बच्चों से भी ज़्यादा पसंद करने लगी। और एक समय ऐसा भी आया जब लिंकन अपनी माँ को सिर्फ माँ नहीं बल्कि “एंजेल मदर (Angel Mother)” बुलाने लगे।
अब्राहम लिंकन स्वाभाव में बाकी बच्चों से काफी अलग थे। उनको पढ़ाई में बहुत रूचि थी, लेकिन वह कभी अच्छे से स्कूल नहीं जा पाए। फिर भी दूसरों से किताबें उधार लेकर उन्होंने पढ़ाई की। और जैसे हर माँ अपने बच्चों के सपनों का साथ देती है, उसी तरह इनकी माँ ने इनका पढ़ाई के मामले में साथ दिया। उनकी पढ़ाई में रूची इस कदर थी की जब वे लॉ की पढ़ाई कर रहे थे तो उनके पास पुस्तके खरीदने के पैसे नहीं थी, लेकिन उन्होंने हार कभी नहीं मानी। वकीलों से लॉ की किताबे उधार मांग कर पढ़ी और इसी शौक ने उन्हें लिंकन से राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन बना दिया।
अपनी माँ के लिए उनके बोले हुए शब्द आज भी सबके दिलों में एक छाप छोड़ गए “मैं जो कुछ भी हूं, या होने की आशा करता हूं, उसका श्रेय अपनी Angel Mother को देता हूं।”
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