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फोटो साभार एक्स

वो फिलिस्तीनी बच्चा जिसने गांव पर बुलडोजर चलाने पर मचाई इजरायल में तबाही, खड़ा कर दिया ‘हमास’

इजरायल और हमास आतंकियों के बीच चल रही जंग की चिंगारी अब बड़े युद्ध की आग में बदल चुकी है। इजरायल और हमास आतंकियों के बीच खतरनाक जंग-ए-ऐलान जारी है। दोनों ओर से हथियार चलाए जा रहे हैं जिसमें कई नागरिकों की मौत हो रही हैं। ये हमास द्वारा किया जा रहा इजरायल पर अब तक का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। इस स्टोरी में हम जानेंगे कि आखिर हमास क्या है इसकी स्थापना कब और किस लिए की गई।

हमास एक हरकतुल मुकावमतुल इस्लामिया या इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन है। हमास का गठन 1987 में मिस्र और फिलिस्तीन के मुसलमानों ने मिलकर किया था। इनका उद्देश्य क्षेत्र में इजरायल प्रशासन के स्थान पर इस्लामिक शासन की स्थापना करना था। हमास का प्रभाव गाजा पट्टी में सबसे ज्यादा है। इस विद्रोही समूह की स्थापना शेख अहमद यासीन द्वारा की गई थी। हमास की कहानी की शुरुआत यही से मानी जाती है।

1948 के कब्जे के बाद इजरायली सेना द्वारा नष्ट किए गए एक छोटे फिलिस्तीनी गांव अल-जुरा में शेख अहमद का जन्म हुआ था। यासीन को 12 साल की उम्र में अल-जुरा पर बुलडोजर चल जाने के कारण अपने परिवार के साथ गाजा पट्टी आना पड़ा। व्हील चेयर पर चलने वाले मासूम यसीन के मन ने उस वक्त से ही इजरायल के लिए नफरत पैदा हो गई थी। बाद में शेख अहमद ने ही हमास का बीज बोया।

यासीन ने 1987 में रखी हमास की नींव

शारीरिक सीमाओं के बाद भी यासिन ने 1959 में मिस्र के ऐन शम्स विश्वविद्याल में एडमिशन लिया, लेकिन आर्थिक रुप से कमजोर होने के कारण उसे अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। गाजा लौटने पर उसे मिस्र की मुस्लिम ब्रदरहुड शिक्षाओं से काफी लगाव हो गया। इस्लामी अध्ययन और अरबी शिक्षा के प्रति खिंचता यासीन देखते ही देखते गाजा का जाना माना धार्मिक नेता बन गया।

1983 में इजराइली सेना ने शेख यासीन को गाजा में गिरफ्तार कर लिया था। उसे कथित तौर पर एक भूमिगत संगठन बनाने और हथियार रखने के लिए 13 साल की जेल हो गई थी। दो साल बाद कैदियों की अदला-बदली के तहत यासीन को भी रिहा कर दिया गया। इसके बाद 1987 में यासीन ने हमास की नींव रखी। उस वक्त वो गाजा स्थित मुस्लिम ब्रदरहुड का नेता था।

हमास का गाजा पट्टी पर शासन

हमास ने वेस्ट बैंक में सत्ता पर काबिज रहे फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के वफादारों को एक गृह युद्ध में हराया था और साल 2007 से गाजा पट्टी पर शासन कर रहा है। वहीं हमास के कब्जे को अब्बास ने तख्तापलट करार दिया था। ये वो समय था जब से हमास और इजरायल के बीच संघर्ष का दौर शुरू हुआ। इसके बाद अक्सर गाजा से इजरायल में हमास के रॉकेट हमले होते रहे हैं, वहीं इजरायल भी हवाई हमले और बमबारी करता रहा है।

इस युद्ध में दोनों ओर हजारों रॉकेट दागे जा चुके हैं। इजरायल ने हमास पर बार-बार हवाई हमले किए हैं, और मिस्र के साथ मिलकर अपनी सुरक्षा के लिए 2007 से गाजा पट्टी पर नाकाबंदी लगाई हुई है। हमास गाजा पट्टी में दो मिलियन से ज्यादा फिलिस्तीनियों पर शासन करता है। लेकिन, यह समूह इजरायल के प्रति अपने सशस्भ प्रतिरोध के लिए जाना जाता है।

आतंकी गतिविधियां
अमेरिका, ब्रिटेन सहित कई देशों ने हमास को एक आतंकवादी संगठन का नाम भी दे रखा है। साल 1997 में अमेरिका ने हमास को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था। कनाडा, यूरोपीय संघ, इज़राइल, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका हमास को आतंकवादी संगठन के रूप में जाना जाता है। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पैराग्वे और यूनाइटेड किंगडम आतंकवादी संगठन के रूप में केवल इसकी सैन्य शाखा को वर्गीकृत करते हैं।

इसे ब्राजील, चीन, मिस्र, ईरान, नॉर्वे, कतर, रूस, सीरिया और तुर्की द्वारा आतंकवादी संगठन नहीं माना जाता है। दिसम्बर 2018 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक अमेरिकी प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसमें हमास को आतंकवादी संगठन के रूप में दोषी ठहराया गया।