26-05-22
रोडरेज केस में एक साल की सजा काट रहे नवजोत सिंह सिद्धू को जेल में क्लर्क का काम मिला है। सिद्धू की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें बेकरी या फैक्ट्री की बजाय ऑफिस का काम दिया गया। ये काम भी वे बैरक से ही करेंगे। सिद्धू को तीन महीने तक इसके बदले कोई वेतन नहीं मिलेगा। जेल सुपरिटेंडेंट के मुताबिक, सिद्धू पढ़े-लिखे हैं, इसलिए उन्हें दफ्तर का क्लेरिकल कामकाज सौंपा गया है।
क्रिकेटर और पॉलिटिशियन रहे नवजोत सिद्धू अब क्लर्क बन गए हैं। पटियाला सेंट्रल जेल में उन्हें क्लेरिकल काम सौंपा गया है। सिद्धू की ड्यूटी जेल के दफ्तर के कामकाज में लगाई गई है। सिद्धू को 34 साल पुराने रोड रेज केस में 1 साल की बामशक्कत कैद हुई है। जेल के भीतर सिद्धू की सुरक्षा भी प्रबंधन के लिए चुनौती है। जिस वजह से उन्हें यह जिम्मा सौंपा गया है।
सिद्धू की सुरक्षा को देखते हुए वह जेल दफ्तर का काम बैरक से ही करेंगे। सिद्धू को रोजाना जेल दफ्तर की फाइलें भिजवाई जाएंगी। उनकी ड्यूटी सुबह 9 से शाम 5 बजे तक होगी। इस दौरान वह कभी भी फाइलों का काम कर सकते हैं।
सिद्धू को अभी काम के बदले कोई वेतन नहीं मिलेगा। सिद्धू को क्लेरिकल का कोई एक्सपीरिएंस नहीं है। ऐसे में अभी वह अकुशल कर्मचारी हैं। 3 महीने बाद उन्हें अर्धकुशल होने पर 30 रुपए प्रतिदिन और फिर कुशल होने पर 90 रुपए दिए जाएंगे।
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