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बापू की कर्मस्थली पर इतिहास बनते देख रहे, नेहरू और पटेल जैसे जननायक आजादी के आंदोलन के पथ प्रदर्शक रहे

12 Mar. Ahmadabad: केंद्र सरकार ने 12 मार्च 2021 से 15 अगस्त 2022 तक ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ मनाने का एलान किया है। इसी सिलसिले में आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह के 91 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में अमृत महोत्सव की शुरुआत करते हुए इसकी वेबसाइट लॉन्च की।

मोदी इस वक्त कार्यक्रम को सम्बोधित किया। और अपने संबोधन में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का भी जिक्र किया। मोदी ने कहा, ‘1857 का स्वतंत्रता संग्राम, महात्मा गांधी का विदेश से लौटना, लोकमान्य का पूर्ण स्वराज्य का आह्वान, नेता जी का आजाद हिंद फौज का नारा दिल्ली चलो कोई नहीं भूल सकता। ऐसे कितने ही सेनानी हैं जिनके प्रति देश हर रोज कृतज्ञता व्यक्त करता है। अंग्रेजों के सामने गर्जना करने वाली रानी लक्ष्मी बाई हो, पंडित नेहरू हों, सरदार पटेल हों, ऐसे अनगिनत जननायक आजादी के आंदोलन के पथ प्रदर्शक रहे।’

मोदी ने कहा, ‘Freedom Struggle, Ideas at 75, Achievements at 75, Actions at 75 और Resolves at 75…ये पांचों स्तम्भ आजादी की लड़ाई के साथ-साथ आजाद भारत के सपनों और कर्तव्यों को देश के सामने रखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे।’

मोदी ने कहा, ‘मैं इस पुण्य अवसर पर बापू के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। मैं देश के स्वाधीनता संग्राम का नेतृव करने वाली विभूतियों को नमन करता हूं। मैं उन वीर जवानों को भी नमन करता हूं जिन्होंने देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिए। जिन पुण्य आत्माओं ने देश के पुनर्निमाण में एक-एक ईंट रखी मैं उन सभी के चरणों में भी प्रणाम करता हूं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि, ‘किसी राष्ट्र का भविष्य तभी उज्जवल होता है जब वह अपने अतीत के अनुभवों और विरासत के गर्भ से पल-पल जुड़ा रहता है। भारत के पास तो गर्व करने के लिए अथाह भंडार है। चेतनामय सांस्कृतिक विरासत है। यह अवसर अमृत के रूप में वर्तमान पीढ़ी को प्राप्त होगा। एक ऐसा अमृत जो देश के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करेगा।’

मोदी ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव यानी आजादी की ऊर्जा का अमृत। स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अवसर, नई ऊर्जाओं और संकल्पों का उत्सव। यह राष्ट्र के जागरण का उत्सव है। स्वराज के सपनों को पूरा करने का अवसर है। वैश्विक शांति को बनाए रखने का महोत्सव है। आज एक यात्रा भी शुरू होने जा रही है। यह संयोग ही है कि दांडी यात्रा का प्रभाव ऐसा है कि देश आज भी आगे बढ़ रहा है। गांधी जी की इस एक यात्रा ने भारत के नजरिए को पूरी दुनिया तक पहुंचा दिया।

अमृत महोत्सव का क्या है उद्देश्य?

दरअसल, अगले साल देश की आजादी के 75 साल पूरे हो जाएंगे। इसी क्रम में 75 हफ्ते पहले शुक्रवार से अमृत महोत्सव शुरू हो रहा है। कार्यक्रम में 15 अगस्त 2022 तक देश के 75 स्थानों पर कई तरह के आयोजन होंगे। इसमें युवा पीढ़ी को 1857 से 1947 के बीच चले स्वतंत्रता संग्राम की जानकारी देने, आजादी के 75 वर्ष में देश के विकास और आजादी के 100 वर्ष पूरे होने तक विश्वगुरु भारत की तस्वीर दिखाई जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया है। इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया गया है।

क्या है नमक सत्याग्रह?
नमक सत्याग्रह या कहें कि दांडी मार्च भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। इस आंदोलन ने अंग्रेजी हुकूमत को हिलाकर रख दिया था। महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को 78 सत्याग्रहियों के साथ अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से नवसारी जिले के दांडी गांव के लिए पैदल कूच किया था। रास्ते में दो सत्याग्रही और शामिल हो गए थे।

अंग्रेजों के नमक कानून के विरोध में गांधीजी ने दांडी मार्च कर 6 अप्रैल 1930 को सांकेतिक रूप से नमक बनाकर अंग्रेजी कानून को तोड़ा था, जिसके बाद उन्हें सत्याग्रहियों के साथ गिरफ्तार कर लिया था। इस आंदोलन ने अंग्रेजों की नींद उड़ा कर रख दी थी।