नई दिल्ली: 18वीं लोकसभा सत्र के 5वें दिन संसद भवन में विपक्षी दलों ने NEET पेपर लीक का मुद्दा उठाया, जिसके बाद संसद में हंगामा मच गया। दोनों सदनों, लोक सभा और राज्य सभा, में विपक्ष ने जोरदार सवाल उठाए और इस पर बहस की मांग की। हंगामे के चलते बैठक को बीच में ही रोकना पड़ा, हालाँकि 12 बजे राज्य सभा की बैठक फिर से शुरू हुई। विपक्ष ने वहां भी NEET पेपर लीक पर सवाल उठाए और बहस की मांग की।
संसद में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने नेहरू और मोदी की तुलना पर कहा, “नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। नेहरू और मोदी में कोई तुलना नहीं हो सकती।” त्रिवेदी ने एक किताब का हवाला देते हुए बताया कि नेहरू को प्रधानमंत्री के लिए जीरो वोट मिले थे, जबकि मोदी को सर्वसम्मति से नेता माना गया। उन्होंने कहा, “एक तरफ नेहरू हैं जिन्हें उनकी पार्टी ने नेता नहीं माना, दूसरी तरफ मोदी जी हैं जिन्हें सर्वसम्मति से नेता मान लिया गया।”
पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा ने भी NEET पेपर लीक पर सवाल उठाए। देवेगौड़ा, जो 1 जून 1996 से 21 अप्रैल 1997 तक भारत के 11वें प्रधानमंत्री रहे, वर्तमान में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्य सभा में सांसद हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के वोट ऑफ थैंक्स के बाद संसद में चर्चा होनी थी, लेकिन संसद में हंगामे के कारण इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका। लोक सभा के स्पीकर ओम बिरला ने 13 संसद सदस्यों की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया और दो मिनट का मौन रखा। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने फिर से NEET पेपर लीक पर बहस की मांग की, जिस पर स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा करने की अनुमति दी।
इस घटनाक्रम ने संसद में हंगामा और बहस की स्थिति को और तीव्र कर दिया है, जिससे सरकार और विपक्ष के बीच तनाव बढ़ गया है।
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