रवि जाधव द्वारा निर्देशित “Main Atal Hoon” 19 जनवरी को बड़े पर्दे पर रिलीज़ हो चुकी है। यह फिल्म भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन पर आधारित है। इसमें वाजपेयी का किरदार पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) ने निभाया है। अटल बिहारी वाजपेयी केवल नेता ही नहीं बल्कि एक कवि भी थे।
93 वर्ष का लंबा और अभूतपूर्व जीवन जीने वाली ऐसी हस्ती की बायोपिक पर्दे पर उतारना आसान काम नहीं है, लेकिन नेशनल अवॉर्ड विनर डायरेक्टर रवि जाधव ने यह कठिन चुनौती स्वीकारी की। फिल्म में अटल जी के बचपने से लेकर प्रधानमंत्रित्व काल की उपलब्धियों तक को समेटने में वह काफी हद तक कामयाब तो हुए हैं, लेकिन कहीं-कहीं वे चूक भी गए हैं। लोगों की उम्मीदों पर पानी फेरने में हई हद तक फिल्म कामयाब नहीं हुई।
यह फिल्म अटल बिहारी बाजपेयी के बचपन से शुरू होकर, उनके कॉलेज जीवन, आरएसएस (RSS) से जुड़ाव, राजनीति में प्रवेश, विदेश मंत्रित्व काल और फिर प्रधानमंत्री के रूप में उनके योगदान, जैसे पोखरण टेस्ट, लाहौर बस यात्रा, कारगिल विजय जैसे महत्वपूर्ण घटनाक्रमों को दिखाती है। इसके अलावा, नेहरू के निधन, इंदिरा गांधी का प्रधानमंत्री बनना, इमरजेंसी, ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौर को भी दर्शाती है। फिल्म कारगिल युद्ध और वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में हुए परमाणु परीक्षण तक आकर थम जाती है।
इस फिल्म की लिखावट थोड़ी कमज़ोर है जो अटल जैसे व्यक्तित्व के साथ न्याय नहीं करती है। निर्देशक ने इस 2 घंटे 20 मिनट की फिल्म में सारी महत्त्वपूर्ण घटनाएं दर्शाने की कोशिश की है जिसकी वजह से फिल्म थोड़ी फ़ास्ट और बहुत ही अस्तव्यस्त लगी। पंकज त्रिपाठी, पियूष मिश्रा और अटल जी की प्रेमिका का अभिनय करने वाली अभिनेत्री की एक्टिंग अच्छी है। बाकी सबकी एक्टिंग ढीली होने के कारण फिल्म कमज़ोर पड़ जाती है।
फिल्म में कहीं न कहीं केवल एक तरफ़ा कहानी बताई गई है। और ऐसा भी लगता है जैसे कांग्रेस सरकार की सत्ता में कितने बुरे काम हुए हैं। उसका बखान किया गया है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि ये फिल्म केवल पंकज त्रिपाठी की एक्टिंग के ऊपर टिकी हुई है। उन्होंने अपना किरदार बहुत ख़ूबसूरती और श्रद्धा से निभाया है। लीड रोल कर रहे पंकज त्रिपाठी के साथ इस फिल्म में पियूष मिश्रा, दयाशंकर पांडे और प्रमोद पाठक जैसे जाने माने कलाकारों ने अभिनय किया है।
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