CATEGORIES

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031  
Wednesday, December 25   1:44:37

RBI ने पांचवी बार ब्याज दरों में नहीं किया बदलाव, रेपो रेट 6.5% पर बरकरार

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार 5वीं बार ब्याज दरों बदलाव नहीं किया है। RBI ने ब्याज दरों को 6.5% पर जस का तस रखा था। यानी लोन महंगे नहीं होंगे और आपकी EMI भी नहीं बढ़ेगी। RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थी।

वहीं पिछले वित्त वर्ष में रेपो रेट 6 बार में 2.50% बढ़ाई गई थी। 6 दिसंबर से चल रही मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी RBI गवर्नर शक्तिकांत दास आज यानी शुक्रवार को दी। ये मीटिंग हर दो महीने में होती है। इस वित्त वर्ष की पहली मीटिंग अप्रैल में हुई थी।

RBI की MPC में छह सदस्य होते हैं। इसमें बाहरी और RBI अधिकारी दोनों होते हैं। गवर्नर दास के साथ, RBI के अधिकारी राजीव रंजन, कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, और माइकल देबब्रत पात्रा, डिप्टी गवर्नर के रूप में कार्यरत हैं। जबकि शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा बाहरी सदस्य हैं। RBI के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज महंगा होगा।

बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है। मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है।

इसी तरह जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में RBI रेपो रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है।
इसे उदाहरण से समझते हैं। कोरोना काल में जब इकोनॉमिक एक्टिविटी ठप हो गई थीं तो डिमांड में कमी आई थी। ऐसे में RBI ने ब्याज दरों को कम करके इकोनॉमी में मनी फ्लो को बढ़ाया था।