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Sunday, February 23   8:50:04

राज्यसभा में PM मोदी का विपक्ष पर तीखा प्रहार, योजनाओं और संविधान पर जवाब

राज्यसभा में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का करारा जवाब दिया। इसके साथ ही कांग्रेस सहित कई विपक्ष पार्टियों के खिलाफ जमकर वार किया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर तीखे सवाल खड़े किए और उनके शासनकाल के दौरान उठाए गए मुद्दों पर भी चर्चा की। यह प्रश्न-उत्तर का खेल पहले लोकसभा में शुरू हुआ था, जहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर कई आरोप लगाए थे। जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर तीखे वार किए और उनकी आलोचनाओं का करारा जवाब दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान शब्द उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपनी सरकार की योजनाओं का विवरण देते हुए कहा कि गरीब कल्याण योजना, किसानों के लिए बैंक क्रेडिट कार्ड लोन और सब्सिडी जैसे कई फैसले उनकी सरकार ने लिए, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं के लिए बनाई गई योजनाओं पर भी जोर दिया, जैसे नमो ड्रोन योजना, जिसका लाभ पहले ही कई महिलाओं ने उठाया है। उन्होंने घोषणा की कि उनके तीसरे कार्यकाल में 3 करोड़ दीदियों को इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य है।

विपक्ष की नारेबाजी के बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने 1972 की आपातकाल का भी जिक्र किया, जब अख़बारों में खबरें तक नहीं छपने दी गई थीं और कई विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया था। उन्होंने इसे संविधान पर एक बुलडोजर बताया, जिसने लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा दी थीं।

इस पूरे घटनाक्रम के बीच विपक्षी दलों की नारेबाजी जारी रही और अंततः वे संसद छोड़कर चले गए।

राज्यसभा के चेयरमैन ने भी विपक्ष के व्यवहार की निंदा की और कहा कि उन्होंने संविधान का अपमान किया है। उन्होंने कहा, “भारतीय संविधान आपके हाथों में पकड़ने की चीज़ नहीं है, यह जीवन जीने की पुस्तक है। मुझे उम्मीद है कि वे आत्मनिरीक्षण करेंगे और कर्तव्य के मार्ग पर चलेंगे।”

प्रधानमंत्री मोदी ने 1993 का भी उल्लेख किया, जब कांग्रेस ने 7 साल तक शासन किया था, जबकि लोकसभा का कार्यकाल केवल 5 साल का होता है। इस पर भी उन्होंने सवाल उठाए और कहा कि कांग्रेस के शासन में संविधान और लोकतंत्र को सबसे बड़ी चोट पहुंची है।

प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर और NEET पेपर लीक के मुद्दों पर भी अपनी बात रखी।

इस घटनाक्रम ने संसद में एक बार फिर से गर्मागर्म बहस का माहौल बना दिया है।