AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद से निकलकर अब देश की राजनीति में दखल दे रहे हैं। 2017 से 2021 के बीच चार राज्यों में उनके चुनावी प्रदर्शन को देखें, तो साफ होता है उनकी उपस्थिति भाजपा के लिए खासी फायदेमंद साबित हुई है। महाराष्ट्र, बिहार में ओवैसी की एंट्री भाजपा को सुकून देने वाली रही है। बिहार में ओवैसी ने RJD को सत्ता में पहुंचने से रोक दिया। वहीं, महाराष्ट्र में NCP और कांग्रेस को करारा झटका दिया।
हालांकि, पश्चिम बंगाल में उनके पहुंचने से भाजपा को कोई फायदा नहीं हुआ। UP में इस बार ओवैसी की पार्टी का दूसरा चुनाव होगा। हालांकि 2017 के चुनाव में उनका प्रदर्शन खास नहीं रहा था। अब 5 साल की तैयारी के बाद इस बार वे 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं। माना जा रहा है कि बसपा के मुस्लिम वोट अपने खाते में लेकर ओवैसी भाजपा को फायदा पहुंचा सकते हैं।
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