CATEGORIES

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
Friday, November 22   7:49:20

लाल किले पर सलामी देने वाली स्वदेशी तोप क्यों है खास

15-08-2023

इस बार का स्वतंत्रता दिवस कई मायनों में खास है। लाल किले पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा झंडारोहण के वक्त इस बार स्वदेशी 105 mm इंडियन फील्ड गन तोप से 21 सलामी दी गई।

अब तक ब्रिटिश 25 पाउंडर गन से लाल किले पर झंडारोहण के वक्त सलामी दी जाती थी। इसी साल गणतंत्र दिवस से झंडारोहण के दौरान दी जाने वाली 21 तोप की सलामी को पुरानी ब्रिटिश 25 पाउंडर गन की जगह स्वदेशी 105 mm इंडियन फील्ड गन से दिए जाने का चलन शुरू किया गया था। आइए जानते है इसकी ताकत और खासियत के बारे में।

25 पाऊंडर आर्टिलरी को हटाने के लिए डीआरडीओ की शाखा आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने 1972 में इंडियन फील्ड गन बनाया। आपको बता दे, इंडियन फील्ड गन के कई फीचर ब्रिटिश L 118 से मिलते जुलते है। इसकी एक और खासियत ये भी है की ये तोप हल्की है, इसीलिए इसे कही भी ले जा सकता है।

इंडियन फील्ड गन के तीन मॉडल है। एमके 1, एमके 2, और ट्रक माउंटेड। सबसे कम वजन की तोप 2380 किलो की है। जब की सबसे भारी वाली 3450 किलोग्राम की है। इसकी लंबाई की बात करे तो लंबाई में ये 19.6 फीट है। वही इसकी नली 7.7 फीट है। चौड़ाई 7.3 फीट और ऊंचाई 5.8 फीट है।

इस तोप का गोला आधा किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से बढ़ता है और इसकी रेंज 17 से 20 किलोमीटर है। इतना ही नहीं ये तोप हर मिनट में 6 गोले दागने की क्षमता रखता है। साथ ही माइनस 27 डिग्री सेल्सियस से लेकर 60 डिग्री तापमान तक काम करने की क्षमता भी है। सबसे अहम खासियत ये है की इस तोप को कही भी ले जाना आसान है। क्योंकि इसके 2 3 हिस्से ऐसे है जिसे अलग किया जा सकता है। अब इनका इस्तेमाल युद्धक्षेत्र में भी किया जा सकता है क्योंकि अब इन मै सेल्फ प्रोपेल्ड वेरिएंट्स भी आ गए है।