हालही में केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 के तहत अकुशल मैनुअल श्रमिकों के लिए नई मजदूरी दरों को अधिसूचित किया है। केंद्र ने MGNREGA की वेबसाइट पर यह नोटिफिकेशन जारी किया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मनरेगा 2005 की धारा 6 की उप-धारा (1) के तहत अधिसूचित नई मजदूरी दरें 1 अप्रैल, 2024 से लागू की जाएंगी।
सरकारी नोटिफिकेशन पर नजर डालें तो उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और उत्तराखंड (Uttarakhand) में मजदूरी दर में सबसे कम 3% का इजाफा किया गया है, जबकि गोवा (Goa) में सबसे ज्यादा 10.6% मजदूरी दर बढ़ाई गई है। गोवा के मजदूरों को हर दिन की 356.00 रु. की मजदूरी दी जाएगी। तो वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और नागालैंड के मजदूरों को सबसे कम, यानी 250 रु. से भी कम की मजदूरी दी जाएगी।
अभी आम चुनावों के लिए देश भर में आदर्श आचार संहिता लागू है। लेकिन, फिर भी ग्रामीण विकास मंत्रालय ने चुनाव आयोग से मजदूरी दरों को अधिसूचित करने की अनुमति मांगी। इसने मंजूरी प्राप्त करने के बाद वेतन अधिसूचित किया। ऐसा करने के पीछे की वजह बताई गई कि संशोधन एक नियमित अभ्यास है। इसलिए यह करना ज़रूरी था। हालाँकि चुनावों से ठीक पहले ऐसा करना एक तरह की वोट्स पाने की रणनीति ही लगती है।
बता दें कि 1 फरवरी 2024 संसद में पेश किए गए नरेंद्र मोदी सरकार के अंतरिम बजट के दौरान सरकार ने मनरेगा के बजट (MGNREGA Budget) को बढ़ाने का ऐलान किया था। वित्त वर्ष 2024-25 में मनरेगा का बजट 60,000 करोड़ से बढ़ाकर 86,000 करोड़ कर दिया गया है। मनरेगा मजदूरी में पिछली बार संशोधन 24 मार्च, 2023 को अधिसूचित किया गया था।
मनरेगा (MGNREGA) प्रोग्राम की शुरुआत साल 2005 में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा की गई थी। यह एक रोजगार गारंटी योजना हैं। इसके तहत ग्रामीण मजदूरों को कम से कम 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी जाती है। इसमें तालाब और गड्ढे खोदने से लेकर नालियां बनाने तक के काम शामिल होते हैं।
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