VFX के काम के चलते भारतीय डिजिटल स्टूडियोज का नाम विश्व में रोशन हो रहा है। कोई भी फिल्म उसके काल्पनिक दृष्टि के कारण दर्शको का आकर्षण रहती है। पुरानी फिल्मों में केमरे, पर्दो के उपयोग से जाता था। लेकिन, वक्त के साथ टेक्नोलॉजी में हुए विकास के चलते अब इस काम में AI के जरिए कल्पना को उड़ान मिल रही है। पिछले कुछ समय तक भारत के फिल्म निर्माता विदेशी VFX मास्टर्स पर काफी हद तक निर्भर थे। लेकिन अब वीएफएक्स के मामले में भारतीय स्टूडियो ने अपना दबदबा कायम कर दिया है।
आज भारत के बड़े शहरों बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, मुंबई में डिजिटल स्टूडियो अपना बेहतरीन काम कर रहे हैं। फिल्म निर्माता वीएफएक्स और एसएफएस इफेक्ट फिल्मों में जोड़ने लगे है। ऑस्कर विजेता फिल्म के दिग्दर्शक क्रिस्टोफर नोलन की इनसेप्शन फिल्म का वीएफएक्स का काम भारत की सर्वोच्च कंपनी टाटा एलेक्सी द्वारा किया गया था, उनकी दूसरी स्पेस फिल्म इंटरस्टेलर का काम भी भारत की कंपनी डबल नेगेटिव द्वारा किया गया था। एक ही वर्ष में 300 वीएफएक्स आर्टिस्ट द्वारा इस फिल्म का काम पूरा किया गया था। वही अल्फोंसो क्यूरोन की फिल्म ग्रेविटी का वीएफएक्स का काम भी भारतीय स्टूडियो प्राइम फोकस द्वारा किया गया था ।अब यह सूची दिन ब दिन लंबी होती जा रही है।
फिल्म आर.आर. आर., बाहुबली, ब्रह्मास्त्र जैसी फिल्मों के अप्रतिम दृश्य हमारे भारतीय वीएफएक्स कलाकारों द्वारा ही तैयार किए गए है। अब दर्शकों को है, नाग अश्विन की आगामी सायफाय फिल्म “कल्कि 2898 एडी” की। प्रभास, दीपिका पादुकोण, और अमिताभ बच्चन जैसे जबरदस्त स्टार कास्ट के साथ बन रही इस फिल्म के इफैक्ट्स का काम विश्व में माइलस्टोन बनेगा। और यह काम भारतीय डिजिटल स्टूडियो में ही किया जा रहा है।
यू अन्य क्षेत्रों की तरह फिल्म निर्माण की श्रेष्ठता में भी भारत विश्व में डंका बजा रहा है।
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