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सरकार ने किसानों को 8 दिन पहले जो प्रस्ताव दिया, वह अब भी बरकरार

30 Jan. Vadodara: शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘सरकार किसानों से बात करने के लिए हमेशा तैयार है। किसानों को 22 जनवरी को जो प्रस्ताव दिया गया था, वह अब भी बरकरार है। कोई भी हल बातचीत से ही निकलना चाहिए। बैठक में सरकार ने सभी दलों के सामने बजट सत्र का अपना एजेंडा रखा। यह मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई।’

22 जनवरी को सरकार और किसान नेताओं के मध्य 12वीं दौर की बैठक हुई थी, जिसमें सरकार ने कहा था कि नए कानूनों में कोई कमी नहीं है। आप यानी की किसान नेता अगर किसी फैसले पर पहुंचते हैं तो बताएं। इस पर फिर हम चर्चा करेंगे। इससे पहले 20 जनवरी को हुई मीटिंग में केंद्र ने डेढ़ साल तक लागू किये हुए नए कृषि कानूनों को लागू नहीं करने और MSP पर बातचीत के लिए कमेटी बनाने का प्रस्ताव भी रखा था।

‘किसानों के मसले सुलझाने के लिए लगातार कोशिशें जारी हैं’

सूत्रों के मुताबिक, PM ने कहा कि मैं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से किसानों से कही गई बातों को दोहराना चाहता हूं। उन्होंने कहा था कि हम सहमति (नए कृषि कानूनों पर) तक नहीं पहुंचे हैं, लेकिन हम आपको प्रस्ताव दे रहे हैं। मैं आपसे सिर्फ एक फोन कॉल दूर हैं। जब भी आप फोन करेंगे, मैं बातचीत के लिए तैयार हूं। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के मु़द्दे सुलझाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है।

सभी पार्टियों ने वैक्सीनेशन प्रोग्राम के लिए बधाई दी

मीटिंग के बाद यूनियन मिनिस्टर प्रह्लाद जोशी ने जानकारी दी कि, ‘लगभग सभी पार्टियों ने कामयाब वैक्सीनेशन प्रोग्राम के लिए PM को बधाई दी।’ वहीं, कांग्रेस लीडर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, ‘PM ने सिर्फ सरकार और किसानों के बीच हुई बातचीत के बारे में बताया।’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘कृषि मंत्री ने किसानों को भरोसा दिया है कि वह उनसे सिर्फ एक फोन कॉल दूर हैं, बशर्ते कि वे सरकार का प्रस्ताव मान लें।’

यूँ तो, यह बैठक बजट सत्र शुरू होने से पहले बुलाई जाती है, लेकिन इस बार सेशन शुरू होने के बाद रखी गई है। बजट सत्र की शुरुआत शुक्रवार को हो गई थी।

बजट सेशन से पहले संसद परिसर में पीए मोदी ने मीडिया से कहा कि भारत के उज्जवल भविष्य के लिए यह दशक बहुत ही महत्वपूर्ण है। आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे उन्हें रफ़्तार से पूरा करने का यह सुनहरा मौका आया है। इस दशक का भरपूर उपयोग हो, इसको ध्यान में रखते हुए चर्चा हो। सभी तरह के विचारों का मंथन हो। लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं का पालन करते हुए और जनआकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए इसे हम आगे बढ़ाएंगे।