सोने की कीमतें अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी हैं, और विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही सोना ₹85,000 प्रति 10 ग्राम को पार कर सकता है। इस वृद्धि के पीछे वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, खासकर डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और खुदरा विक्रेताओं तथा आभूषण निर्माताओं की मांग का बड़ा हाथ है।
23 जनवरी 2025 को दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत ₹630 बढ़कर ₹82,700 प्रति 10 ग्राम हो गई, जो अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है। यह लगातार छठे सत्र में सोने की कीमतों में तेजी का सिलसिला है, जहां 99.5% शुद्धता वाले सोने की कीमत ₹82,330 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई। विश्लेषकों के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों के कारण पैदा हुई अनिश्चितता ने निवेशकों को सोने जैसी सुरक्षित संपत्तियों की ओर आकर्षित किया है।
अक्टूबर 2024 में 99.9% शुद्धता वाला सोना ₹82,400 प्रति 10 ग्राम तक पहुंचा था, लेकिन अब की यह वृद्धि यह दिखाती है कि वैश्विक आर्थिक अस्थिरता का असर सोने की कीमतों पर गहरा हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह प्रवृत्ति बनी रहती है, तो सोने की कीमत ₹85,000 प्रति 10 ग्राम को पार कर सकती है।
चांदी की कीमतें भी बढ़ी हैं, और ₹1,000 का उछाल लेकर यह ₹94,000 प्रति किलोग्राम हो गई है। हालांकि, घरेलू और वैश्विक बाजारों में कुछ अंतर दिखाई दे रहे हैं। एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष, जतिन त्रिवेदी ने बताया कि जबकि वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों में वृद्धि हुई है, भारतीय रुपए की मजबूती के कारण घरेलू बाजार में यह वृद्धि सीमित रही।
वैश्विक बाजार में, COMEX सोने का वायदा 10.20 डॉलर बढ़कर $2,769.40 प्रति औंस हो गया। इसके अलावा, कमजोर आर्थिक आंकड़ों, जैसे कि खुदरा बिक्री में गिरावट और बेरोजगारी के दावे में कमी, ने सोने की कीमतों को और गति दी है। चांदी का COMEX वायदा भी 0.27% बढ़कर $31.58 प्रति औंस पर रहा।
सोने की कीमतों में इस वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता और अमेरिकी राजनीति में अनिश्चितता का बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। निवेशक अब सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं, और सोना इसका प्रमुख उदाहरण है। अगर आप अपनी संपत्ति की सुरक्षा करना चाहते हैं या कीमतों में और बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं, तो सोना एक आकर्षक विकल्प बन सकता है। हालांकि, खरीदारों को ध्यान रखना चाहिए कि सोने की कीमतों में शॉर्ट-टर्म उतार-चढ़ाव हो सकते हैं, और वैश्विक व्यापार या राजनीतिक घटनाक्रमों में किसी भी बदलाव को देखते हुए आपको अपने निवेश के फैसले पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
2025 में आगे बढ़ते हुए, यह साफ है कि सोना अपनी चमक को बरकरार रखेगा, चाहे वह वैश्विक घटनाओं के कारण हो या निवेशक भावना के प्रभाव से। चाहे आप एक अनुभवी निवेशक हों या नए निवेशक, सोने की आकर्षक चमक अब जल्द बुझने वाली नहीं है।
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