30 March 2022
पेट्रोल-डीजल के दाम बुधवार को 9 दिन में 8वीं बार बढ़े। बुधवार को पेट्रोल-डीजल पर 80-80 पैसे बढ़े हैं। उपचुनाव के बाद 4 नवंबर 2021 को केंद्र ने पेट्रोल पर 5 रु./ली. टैक्स घटाकर जो राहत दी थी, उसका असर अब खत्म हो चुका है, क्योंकि 9 दिन में पेट्रोल 5.60 रु. महंगा हो गया है। अक्टूबर 2021 में 13 राज्यों की 29 विधानसभा और 3 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव में भाजपा को उम्मीद के अनुसार नतीजे नहीं मिले थे। उसके बाद पेट्रोल पर 5 रुपए टैक्स घटा था।
मार्च में UP समेत 5 राज्यों में चुनाव हुए। नवंबर से मार्च तक कच्चे तेल के दाम 72.6% तक उछले, लेकिन तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाए। 10 मार्च को आए चुनावी नतीजे भाजपा के लिए अच्छे रहे। इसके 12 दिन बाद दाम बढ़ने शुरू हो गए, जबकि कच्चे तेल के दाम घट रहे हैं। मंगलवार को कच्चा तेल 6.79% गिरावट के साथ 104.84 डॉलर/बैरल रहा। यह उच्चतम स्तर से 31% कम है।
क्रिसिल रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के नुकसान की भरपाई के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमत में 15 से 20 रुपए का इजाफा करना होगा। इस लिहाज से देखें तो पेट्रोल-डीजल की कीमत में अभी और 18 रुपए की बढ़ोतरी हो सकती है।
भरपाई पर उतरीं तेल कंपनियां
• रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमत 13 साल 8 महीने के उच्चतम स्तर 139.13 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी।
• चुनाव के दौरान कंपनियों ने दाम नहीं बढ़ाए थे, इसलिए उसकी भरपाई अब शुरू कर दी गई है।
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