CATEGORIES

January 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
Monday, January 6   11:02:12
SIGNATURE

क्या आप जानते है, इंसान के हस्ताक्षर भी उसका आईना होते है?

कौतूहल मानव अस्तित्व की एक नींव है, जिसने आदम और ईव को प्रतिबंधित फल खाने पर मजबूर कर दिया था। हर इंसान में एक दूसरे को जानने का कुतुहल होता है। इसी कौतूहल की वजह से हम अक्सर यह जानने की कोशिश करते हैं कि कोई व्यक्ति किसी एक निश्चित काम करने के लिए लायक है,या नहीं। फिर चाहे वह खूनी हो, मानसिक रूप से अविकसित, बिन लादेन हो या फिर जॉर्ज बुश।

ज्योतिष शास्त्र, अंकशास्त्र जैसे शास्त्रों के साथ-साथ हस्ताक्षर शास्त्र भी एक शास्त्र है। जो कुतूहल से भरा है। कई हस्ताक्षर शास्त्रियों ने अक्षर के कद, झुकाव, शब्द या अक्षर के बीच फासला, कलात्मकता, घुमाव, मेहराव, से कई व्यक्तियों की चारित्रिक विशेषताओं को उजागर किया है। संक्षिप्त में कहे तो हस्ताक्षर व्यक्ति के व्यवहार को जानने का एक उचित माध्यम है।

पूना निवासी मिलिंद राजौर एक जाने मानेहस्ताक्षर शास्त्री रहे हैं। हस्ताक्षर शास्त्र में उनकी मजबूत पकड़ थी। पुलिस उनसे अपराधियों को पकड़ने के लिए भी मदद लिया करती थी। मिलिंद राजौर के अनुसार एक व्यक्ति के हस्ताक्षर उसके चरित्र, मानसिकता, अच्छाइयां, बुराइयां, सभी की जानकारी देता है । उसके दिमाग में उठती तरंगों से ही हस्ताक्षर का उद्भव होता है। यह आदमी को पहचानने की विश्वसनीय पद्धति है।

सालों पहले पुणे की डिशनेट नामक कंपनी के कर्मचारियों में भर्ती के लिए मिलिंद राजौर की सहायता ली गई थी। उनके इस ज्ञान के चलते पुलिस के एक ऐसे कैसे को उन्होंने सुलझाया था, जो पुलिस की पकड़ से बाहर था। लेकिन हस्ताक्षर विद्या को न्यायालय मान्यता नहीं देता, और सुबूत के तौर पर भी मान्य नहीं रखता।

अमेरिका में तो नियुक्ति से पूर्ण हस्ताक्षर की जांच की जाती है। कई बार हस्ताक्षर शास्त्री हस्ताक्षर बदलने की भी सलाह देते हैं, जिसे ग्रेफोथेरेपी कहा जाता है।

हस्ताक्षर किसी व्यक्ति की चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख करता है, लेकिन कुछ बाते हैं, जो वह नहीं बता सकता ।वह है उम्र, राष्ट्रीयता, जाति, धर्म, भविष्य, और उसका लिंग।
स्कूलों में बच्चों को सुलेखन की प्रेक्टिस करवाई जाती थी,ताकि बच्चों की लिखाई और हस्ताक्षर उनकी उन्नति में लाभदाई हो।लेकिन आज के डिजिटल युग में जहां सबकुछ कंप्यूटर और मोबाइल पर होता है, ऐसे में अच्छी लिखाई का महत्व ही कम हो गया है,पर हां…हस्ताक्षर यानी सिग्नेचर तो महत्पूर्ण है और रहेंगे।