31-05-2023, Wednesday
सेहत के लिए तंबाकू का सेवन या धूम्रपान व्यक्ति को मानसिक रूप से और शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। ये बात जानते हुए भी लोग तंबाकू और धूम्रपान जेसी आदातो को नही छोड़ते। धूम्रपान और तंबाकू के सेवन से कई अन्य तरह की बीमारियां होती है जो कई बार जानलेवा भी हो सकती है।
इसी के चलते आज के दिन no tobacco day मनाया जाता है जिससे की लोगो को जागृत करने की एक पहल हो सके।
तंबाकू के सेवन से लोगो की मौत की संख्या लगातार बढ़ने की वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1987 में world no Tobacco day मानने का फैसला किया था। अगले साल यानी 1988 में इसे अप्रैल के महीने में मनाया गया। इसके बाद इसे मानने के लिए मई महीने में एक तारीख निर्धारित की गई।
हर साल की तरह इस साल भी No tobacco day के लिए WHO ने एक थीम रखी है, इस बार we need food,not tobacco की थीम रखी गई है। 2023 के global campaign का उद्देश्य तंबाकू फसल कर रहे किसानों के लिए crop production और marketing opportunities के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उन्हें टिकाऊ, पोषक फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
भारत में टोबैको का सेवन 4 तरीको से किया जाता है। तंबाकू का इस्तेमाल पान मसाले के साथ साथ सिगरेट, हुक्का और सिगार के रूप में भी किया जाता है। पिछले कुछ वक्त से स्मोकिंग की आदत लोगो में तेजी से बढ़ती दिखी है। स्मोकिंग की वजह से व्यक्ति को नुकसान होता ही है लेकिन स्मोकिंग करते वक्त उस व्यक्ति के संपर्क में आने वाले इंसान को भी नुकसान हो सकता है। Global world Tobacco survey india,2016 17 के आंकड़ों पर नजर डाले तो भारत में लग भग 267 मिलियन वयस्क तंबाकू का उपयोग करते है।
जिसमे ज्यादातर लोगो में इस लत की वजह स्ट्रेस मानी जाती है। पर्सनल या प्रोफेशनल लाइफ में परेशानी के चलते लोग स्मोकिंग शुरू कर देते है, उनका मानना है की सिगरेट उन्हे सुकून देती है।
दरअसल, निकोटीन नाम का केमिकल relaxation की तत्काल भावना पैदा करता है, निकोटिन हमारे शरीर के डोपामिन हार्मोन्स जिसे हैप्पी हार्मोन्स कहा जाता है उसे ज्यादा एक्टिव कर देता है। इसलिए लोग इस विश्वास में धूम्रपान करते हैं कि यह तनाव और चिंता को कम करता है।
हालाकि ये अनुभूति टेंपररी होती है परमानेंट नही लेकिन धूम्रपान की लत लगने से डोपामिन एक्टिविटी बढ़ने लगती है। जब कोई व्यक्ति सिगरेट बंध करता है तो अचानक से हो रहा ये बदलाव उसका शरीर स्वीकार नहीं पता जिस वजह से बेचैनी होने लगती है।
जब कोई व्यक्ति स्मोकिंग की आदत से निजात पाना चाहता हो तो उसे ये समझना जरूरी है की एकदम से हो रहे इस बदलाव को उसका दिमाग और शरीर स्वीकार नहीं सकता। इसीलिए जरूरी है की धीरे धीरे कर के सिगरेट पीना कम करे। सिगरेट छोड़ने की दवाइया मार्केट में अवेलेबल है जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल करे। और जरूरत पड़ने पर एक्सपर्ट एडवाइस ले।
More Stories
World Peace and Understanding Day 2024: वैश्विक तनाव के बीच जानें क्या महत्व रखता है यह दिन
डॉक्टर मुझे पता है तुम हो।
संगीत के सात सुर,भारतीय वेदों की देन