इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट में 16 मार्च को उन याचिकाओं पर सुनवाई हुई, जिनमें तर्क दिया गया कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद अधूरा डेटा प्रदान किया। इस दौरान एड्वोकेट मैथ्यूज नेदुमपरा और CJI डीवाई चंद्रचूड़ के तीखी बहस देखने को मिली।
सुनवाई के दौरान नेदुमपरा ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड मामला बिल्कुल भी न्यायसंगत मुद्दा नहीं था। यह एक नीतिगत मामला था और इसमें अदालतों का दखल नहीं था। इसीलिए लोगों को लगता है कि यह फैसला उनकी पीठ पीछे दिया गया।
जब नेदुमपरा बोल रहे थे तो CJI ने उनसे रुककर सुनने के लिए कहा, लेकिन नेदुमपरा ने कहा कि मैं इस देश का नागरिक हूं।
इस पर CJI ने कहा, “एक सेकंड, मुझ पर चिल्लाओ मत। नेदुमपरा ने जवाब दिया, “नहीं, नहीं, मैं बहुत नरम (आराम से बोलना) हूं।”
इस पर CJI ने कहा, “यह हाइड पार्क कॉर्नर की बैठक नहीं है, आप अदालत में हैं। आप एक आवेदन दायर करना चाहते हैं, आवेदन दायर करें। आपको CJI के रूप में मेरा निर्णय मिल गया है, हम आपकी बात नहीं सुन रहे हैं। यदि आप एक आवेदन दायर करना चाहते हैं तो इसे ईमेल पर ट्रांसफर करें। इस अदालत में यही नियम है।”
इस दौरान नेदुमपरा लगातार बोलते रहे। इस पर जस्टिस बीआर गवई ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, “आप न्याय प्रशासन की प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं।”
इस पर भी नेदुमपरा ने बोलना बंद नहीं किया। जब वह बोलते रहे तो बेंच ने कहा, ”बस, जब तक आप निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं करेंगे तब तक हम आपकी बात नहीं सुनेंगे।”
नेदुमपरा ने कहा कि वे एक आवेदन दाखिल करेंगे। उन्होंने बेंच से कहा कि हमारे प्रति दयालु रहें।
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