इसरो आज यानी 14 अगस्त को तीसरी बार चंद्रयान-3 की ऑर्बिट घटाएगा। अभी वो चंद्रमा की 174 Km x 1437 Km की ऑर्बिट में है, यानी चंद्रयान-3 ऐसी अंडाकार कक्षा में घूम रहा है, जिसमें उसकी चांद से सबसे कम दूरी 174 Km और सबसे ज्यादा दूरी 1437 Km है। इससे पहले 9 अगस्त को चंद्रयान की ऑर्बिट घटाई गई थी।
6 अगस्त को रात करीब 11 बजे पहली बार चंद्रयान की ऑर्बिट घटाई गई थी। तब ये चंद्रमा की 170 Km x 4313 Km की ऑर्बिट में आया था। ऑर्बिट घटाने के लिए चंद्रयान के इंजन को कुछ देर के लिए चालू किया गया था। हालांकि, इंजन फायरिंग कितनी देर के लिए की गई थी इसकी जानकारी इसरो ने शेयर नहीं की थी।
बता दें कि चंद्रयान-3 के 40 दिनों की यात्रा के बाद 23 अगस्त को चंद्रमा पर लेंड करने की उम्मीद है। चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह के और भी नजदीक पहुंच गया है। नौ अगस्त को किए गए एक युद्धाभ्यास के बाद अंतरिक्ष यान का पथ 174 किमी * 1437 किमी तक समायोजित कर दिया गया है।
यदि सब कुछ ठीक चलता रहा तो फौरन ही लेंड होकर यह अपने काम में लग जाएगा। चंद्रयान-3 को ठीक से चंद्रमा में उतारने की जिम्मेदारी लैंडर विक्रम की है। इसके बाद रोवर प्रज्ञान का मिशन शुरू होगा। चंद्रयान-3 का रोवर चंद्रमा की सतह पर चलकर धरती के इकलौते प्राकृतिक उपग्रह के बारे में अहम डेटा जुटाएगा।
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