राजस्थान के मुख्यमंत्री की रेस में कई चेहरों का नाम चल रहा है, लेकिन बाबा बालक नाथ को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा कई समीकरण साध सकती है।
राजस्थान में भाजपा की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरों पर अनुमान लगाए जाने का दौर जारी है। वसुंधरा राजे सिंधिया ने चार दिसंबर को अपने जयपुर स्थित आवास पर विधायकों के लिए डिनर आयोजित कर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को यह संकेत देने की कोशिश की है कि वे इस दौड़ में शामिल हैं और उनके साथ पर्याप्त विधायकों का समर्थन भी हासिल है। लेकिन माना जा रहा है कि भाजपा अब नए नेतृत्व के साथ भविष्य की राजनीति करेगी और इसके लिए पार्टी तमाम चेहरों पर विचार कर रही है।
नए चेहरों में सबसे दमदार चेहरा बाबा बालक नाथ का माना जा रहा है। उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा एक तीर से कई शिकार कर सकती है। राजस्थान की तिजारा विधानसभा सीट से बड़ी जीत हासिल कर चुके बाबा बालक नाथ हिंदुत्व के बड़े ब्रांड बनकर उभरे हैं। वे भाजपा की कट्टर हिंदुत्व की राजनीति को सूट करते हैं। वे पिछड़े समुदाय के यादव जाति से आते हैं। जिस तरह विपक्ष ओबीसी और जातीय जनगणना के मुद्दे का दांव लोकसभा चुनाव में खेलना चाहता है, वे भाजपा की तरफ से ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं।
चूंकि वे यादव जाति से आते हैं, और भाजपा को लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा चुनौती उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और बिहार में तेजस्वी यादव से मिल सकती है। ऐसे में यादव जाति के बाबा बालक नाथ को मैदान में उतारकर भाजपा यूपी-बिहार के यादव वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश भी कर सकती है। वह यादव समुदाय को यह संदेश दे सकती है कि वह उन्हें केवल वोट लेने के लिए नहीं, बल्कि सत्ता में भागीदारी देने के लिए भी अपने साथ लाना चाहती है।
More Stories
YouTube, Google Ads पर पैसा खर्च करने में BJP सबसे आगे, दिए करोड़ों के विज्ञापन
गृहमंत्री Amit Shah की भरूच में विजय संकल्प सभा, कहा- UCC आदिवासी भाइयों के कानून पर लागू नहीं
आम की फसल कम होने से Ice Apple के बढ़े दाम, जानें गर्मियों के सुपरफूड के फायदे!