कोरोना के चलते बढ़ रही मृत्यु संख्या के कारण एसएसजी और गोत्रि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डेडबोडी कवर की आई कमी के कारण तंत्र ने 3000 कीट का ऑर्डर दिया है।यह उल्लेखनीय है कि, GMSACL द्वारा स्टोक भेजने से इंकार किए जाने की खबर है।
कोरोना जिस तरह जंगल की आग की तरह फैल रहा है,और मृत्यु संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है।ऐसे में एसएसजी और गोत्री अस्पताल में डेड बॉडी कवर की कमी आने के कारण तंत्र परेशान है। सरकारी अस्पतालों के लिए मेडिकल के साधन,और दवाइयों की व्यवस्था करते जीएमएससीएल यानी गुजरात मेडिकल सर्विस कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा स्टोक नही देने को लेकर भागदौड़ बढ़ गई है।प्राप्त खबर अनुसार अब इन सभी साधनों का इंतजाम अस्पतालों को करना होगा।जिसको लेकर कोरोना के 15 सौ से अधिक मरीजों के इलाज के लिए तंत्र ने स्टॉकिस्ट्स और डीलर्स से मीटिंग की। 15 दिनों में 3000 डेडबोडी कवर की आवश्यकता के लिए आर्डर दिया गया है,और 7000 डायपर्स का तत्काल ऑर्डर दिया गया है। यूं सरकारी अस्पतालों के डेडबोडी व्यवस्थापन की पोल खुल गई है।
प्राप्त खबर अनुसार अब तो ग्लोव्स, इंजेक्शन ,मल्टी विटामिन की गोलियां ,रबर ग्लव्स, समेत साधनों का स्टॉक भी खत्म हो गया है। ऐसे में तंत्र अब दाताओं की खोज में लगा है। एसएससी में बुलाई गई बैठक में 15 डिस्ट्रीब्यूटर्स उपस्थित थे। अस्पतालों के लिए बायपेप ,वेंटिलेटर और 208 प्रकार की दवाओं की जरूरत है।
सूचि अनुसार ……अस्पतालों को
13 प्रकार के तकरीबन 9.6 लाख सर्जिकल ग्लव्स , 1,50,000 n95 मास्क, 80,000 सर्जिकल मास्क,8000 माउथ वॉश गार्गल, 3000 वेंटिलेटर सर्किट, 31,800 बायपैप मास्क, 63,000 एंडोट्रेकियल ट्यूब की आवश्कता होने की प्राप्त सूत्रों से जानकारी मिली है।
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