दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने शुक्रवार को अपना संकल्प पत्र जारी किया, जिसमें पार्टी ने दिल्ली की जनता से कई वादे किए। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने इस संकल्प पत्र को ‘विकसित दिल्ली की नींव’ बताते हुए पार्टी के दृष्टिकोण और योजनाओं का विस्तार किया।
भा.ज.पा. ने महिलाओं और गरीबों के लिए कई प्रमुख घोषणाएं की हैं। महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने की घोषणा की गई है। इसके अलावा, गरीब महिलाओं को घरेलू गैस सिलेंडर पर 500 रुपये की सब्सिडी मिलेगी और होली व दिवाली के अवसर पर एक-एक मुफ्त सिलेंडर देने का भी वादा किया गया है। गर्भवती महिलाओं के लिए ‘मातृ सुरक्षा वंदना योजना’ के तहत 21,000 रुपये और 6 पोषण किट दिए जाएंगे।
भा.ज.पा. ने यह भी घोषणा की कि 60-70 साल के बुजुर्गों की पेंशन को 2000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये किया जाएगा, जबकि विधवा, दिव्यांगों और 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को 3000 रुपये पेंशन मिलेगी। झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीबों के लिए अटल कैंटीन योजना के तहत 5 रुपये में पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, भाजपा ने यह सुनिश्चित किया कि दिल्ली में बिजली, पानी और बसों जैसी मौजूदा योजनाओं को जारी रखा जाएगा, ताकि आम लोगों को कोई असुविधा न हो। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने अपने भाषण में मौजूदा आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर कई आरोप भी लगाए, जिनमें मोहल्ला क्लीनिक में भ्रष्टाचार का आरोप और कोरोना महामारी के दौरान पूर्वांचल के लोगों के साथ हुए अन्याय का उल्लेख किया।
इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के संकल्प पत्र को झूठ का पुलिंदा करार दिया। उन्होंने कहा कि इसमें कानून-व्यवस्था सुधारने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। वहीं, केजरीवाल ने घोषणा की कि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार बनने पर स्टूडेंट्स को बस सेवा में मुफ्त सफर की सुविधा दी जाएगी, और मेट्रो यात्रा पर 50% की छूट दी जाएगी।
भाजपा का संकल्प पत्र दिल्ली की जनता को व्यापक रूप से लुभाने की कोशिश करता है। महिलाओं और बुजुर्गों के लिए आर्थिक मदद, साथ ही गरीबों के लिए खाद्य योजनाएं, यह सभी उपाय जनता के बीच लोकप्रिय हो सकते हैं। हालांकि, भाजपा का ये वादा कितना व्यवहारिक होगा, यह चुनाव परिणामों के बाद ही साफ होगा। वहीं, अरविंद केजरीवाल के मुफ्त यात्रा का वादा भी एक आकर्षक कदम हो सकता है, लेकिन इसका वित्तीय प्रभाव और वास्तविकता पर भी सवाल उठ सकते हैं।
दिल्ली चुनाव 2025 में इन दोनों प्रमुख दलों के बीच तीव्र मुकाबला देखने को मिलेगा, जहां प्रत्येक पार्टी अपने वादों और योजनाओं के साथ जनता का समर्थन प्राप्त करने की कोशिश करेगी।
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