उत्तरायण का पर्व नजदीक है, और राज्यभर में पतंगबाजी के साथ डोरियों की खरीददारी जोर-शोर से चल रही है। इसी बीच, गुजरात हाईकोर्ट ने कांचवाली डोरी (ग्लास कोटेड मांजा) के उत्पादन, भंडारण, बिक्री, खरीद और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का सख्त निर्देश जारी किया है। हाईकोर्ट के इस निर्देश के बाद 11 से 15 जनवरी तक देर रात तक जांच अभियान चलाया जाएगा। साथ ही, इस दौरान राज्य के डीजीपी हर शाम इस मुद्दे पर समीक्षा बैठक करेंगे।
कांचवाली और चीनी डोरी से बढ़ता है खतरा
उत्तरायण के दौरान पतंग उड़ाने का चलन पहले ही शुरू हो जाता है। लेकिन कांचवाली और चीनी डोरी (नायलॉन या सिंथेटिक मांजा) के कारण हर साल कई लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। 2016 में गुजरात हाईकोर्ट में चीनी डोरी, नायलॉन डोरी, सिंथेटिक डोरी, और कांच कोटेड कॉटन डोरी पर प्रतिबंध की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में चीनी लटाई (तुकल) पर भी प्रतिबंध की मांग की गई थी, जिसे आग लगने का खतरा बढ़ाने वाला बताया गया था।
हाईकोर्ट ने दिया कड़ा आदेश
10 जनवरी 2025 को मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायाधीश प्रणव त्रिवेदी की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। अहमदाबाद के कॉटन मांजा उत्पादकों ने कोर्ट में प्रस्तुत होकर कहा कि हाईकोर्ट और NGT (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) के पहले के आदेशों में कॉटन मांजा पर कोई प्रतिबंध नहीं है। प्रतिबंध सिर्फ चीनी और नायलॉन डोरी पर है।
गिलास कोटेड डोरी पर भी सख्ती
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकार के आदेश के अनुसार, गिलास कोटेड डोरी पर भी प्रतिबंध लागू है। कोर्ट ने यह भी कहा कि कांच पाउडर से बनी डोरी उतनी ही खतरनाक है जितनी चीनी डोरी। इससे न केवल इंसानों को चोट लगती है बल्कि यह पक्षियों और पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है।
डोरी उत्पादकों की दलील
कॉटन मांजा निर्माताओं ने दलील दी कि गिलास कोटिंग के बिना उत्तरायण का त्यौहार संभव नहीं है। उनके मुताबिक, 13 जनवरी 2017 के आदेश के तहत प्रतिबंध चीनी और नायलॉन डोरी पर है, कॉटन डोरी पर नहीं। कोर्ट ने हालांकि इन दलीलों को खारिज कर दिया और कहा कि गिलास कोटेड डोरी भी प्रतिबंधित रहेगी।
11-15 जनवरी तक चलेगा विशेष अभियान
हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए 11 जनवरी से 15 जनवरी तक पूरे राज्य में सख्त जांच अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत कांचवाली डोरी के उत्पादन, भंडारण, बिक्री, और उपयोग पर नजर रखी जाएगी। राज्य के डीजीपी हर शाम बैठक कर अभियान की प्रगति का जायजा लेंगे।
जानलेवा मांजा पर रोक जरूरी
चीनी डोरी और गिलास कोटेड डोरी से हर साल कई लोग घायल होते हैं, और यह पक्षियों के लिए भी जानलेवा साबित होती है। हाईकोर्ट के इस सख्त कदम से उत्तरायण को सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की उम्मीद है।
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