M. S. University Vadodara: एम. एस. यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर पद से डॉ. विजय श्रीवास्तव को इस्तीफ़ा देना पड़ा है। माना जा रहा है कि हाईकोर्ट द्वारा अपनाए गए कड़े रुख के कारण उन्हें यह निर्णय लेना पड़ा। एम. एस. यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ प्रोफेसर सतीश पाठक ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर यह आरोप लगाया था कि डॉ. श्रीवास्तव के पास प्रोफेसर के रूप में 10 वर्षों का शैक्षणिक अनुभव नहीं है। 3 जनवरी को इस मामले की पहली सुनवाई हुई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने डॉ. श्रीवास्तव की नियुक्ति और उनके प्रोफेसर के रूप में अनुभव को लेकर यूनिवर्सिटी और सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों पर गंभीर सवाल उठाए थे।
हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले ही दिया इस्तीफ़ा?
आज इस मामले में हाईकोर्ट में आगे की सुनवाई होनी थी, लेकिन उससे पहले ही डॉ. श्रीवास्तव ने वाइस चांसलर पद से इस्तीफ़ा दे दिया। अकादमिक जगत में यह चर्चा है कि सरकार ने ही उन्हें इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर किया, ताकि हाईकोर्ट सरकार की और अधिक आलोचना न करे।
शिकायतों के बावजूद सरकार ने दिखाया अनदेखा रवैया
यह पहली बार है जब एम. एस. यूनिवर्सिटी में योग्यता के मुद्दे पर किसी वाइस चांसलर को इस्तीफ़ा देना पड़ा हो। न केवल शिक्षाविदों बल्कि राजनीतिक हलकों में भी यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। शिक्षण मंत्रालय के करीबी माने जाने वाले डॉ. श्रीवास्तव के खिलाफ कई शिकायतें थीं, लेकिन सरकार ने इन पर ध्यान नहीं दिया। अब उनका इस्तीफ़ा राज्य सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
दूसरी टर्म पाने का सपना अधूरा रह गया
गौरतलब है कि डॉ. श्रीवास्तव का कार्यकाल 9 फरवरी को समाप्त होने वाला था, लेकिन उन्हें इससे पहले ही इस्तीफ़ा देना पड़ा। वे यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के रूप में दूसरी टर्म पाने के इच्छुक थे, लेकिन अब उनकी यह इच्छा अधूरी रह गई।
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