छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने कायराना हमला करते हुए सुरक्षाबलों के वाहन को विस्फोट से उड़ा दिया। इस भीषण हमले में दंतेवाड़ा DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के 8 जवान शहीद हो गए, जबकि वाहन चालक की भी मौके पर ही मौत हो गई। धमाका इतना जबरदस्त था कि वाहन के टुकड़े 30 फीट ऊपर पेड़ पर जाकर अटक गए।
कैसे हुआ यह हमला?
यह हमला बीजापुर के कुटरू-वेदरी रोड पर अंबेली नाला के पास हुआ। बस्तर रेंज के IG सुंदरराज पी ने बताया कि सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम इलाके में सर्च ऑपरेशन पूरा कर लौट रही थी। दोपहर करीब 2:15 बजे घात लगाए बैठे नक्सलियों ने IED ब्लास्ट कर वाहन को निशाना बनाया। धमाके से सड़क पर 10-12 फीट गहरा गड्ढा हो गया और जवानों का वाहन हवा में उछलकर मलबे में तब्दील हो गया।
तीन दिन पहले गरियाबंद में भी नक्सली मारे गए थे
इस हमले से तीन दिन पहले गरियाबंद जिले के सोरनामाल जंगल में सुरक्षाबलों ने तीन नक्सलियों को मार गिराया था। इस ऑपरेशन में DRG और STF (स्पेशल टास्क फोर्स) के 300 से अधिक जवान शामिल थे। ओडिशा के नवरंगपुर की ओर से की गई घेराबंदी के चलते नक्सली भाग नहीं पाए और मुठभेड़ में ढेर हो गए।
हमले के पीछे नक्सलियों की नई रणनीति?
बीते कुछ महीनों में सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई से नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। कई नक्सली मारे जा चुके हैं और उनकी पकड़ कमजोर हो रही है। ऐसे में वे आईईडी ब्लास्ट जैसे कायराना हमलों का सहारा ले रहे हैं। बीजापुर हमले को भी नक्सलियों की हताशा के रूप में देखा जा सकता है।
कब खत्म होगी यह नक्सली हिंसा?
हर बार जब हमारे जवान शहीद होते हैं, तो सवाल उठता है कि आखिर कब तक देश के वीर सैनिक इस बर्बरता का शिकार होते रहेंगे? सरकार और सुरक्षाबलों को इस पर सख्त कार्रवाई करनी होगी ताकि नक्सलवाद की जड़ें हमेशा के लिए उखाड़ी जा सकें। इस कायराना हमले का जवाब और भी बड़े ऑपरेशन के जरिए दिया जाना चाहिए ताकि शहीद जवानों का बलिदान व्यर्थ न जाए।
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