नवरात्रि का पर्व हर साल पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व देवी दुर्गा की आराधना और शक्ति की उपासना के रूप में मनाया जाता है। नवरात्रि का अर्थ है ‘नौ रातें’, और इन नौ दिनों तक भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। नवरात्रि के दौरान हर राज्य में भिन्न-भिन्न परंपराएं और रीति-रिवाज देखने को मिलते हैं, लेकिन इसके मूल में माता की आराधना और शक्ति का सम्मान समान रहता है।
नवरात्रि का महत्व और धार्मिक मान्यता
नवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा ने महिषासुर नामक असुर से युद्ध किया था और दसवें दिन उसे पराजित कर धरती पर शांति और धर्म की स्थापना की थी। इसी दिन को दशहरा या विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है। नवरात्रि का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इसे पूरे भारत में विशेष रूप से मनाया जाता है।
नवरात्रि की परंपराएं
नवरात्रि के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और उपवास होते हैं। लोग माता की पूजा-अर्चना के साथ-साथ नौ दिनों तक उपवास रखते हैं। उपवास के दौरान खास तरह के भोजन किए जाते हैं, जिसमें अनाज का त्याग कर कुट्टू, सिंघाड़े के आटे का सेवन किया जाता है। इसके साथ ही, नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है, जहां छोटी कन्याओं को देवी के रूप में मानकर उन्हें भोजन कराया जाता है।
नवरात्रि में मिट्टी के मटके (गरबा) का महत्व
नवरात्रि के दौरान गरबा नृत्य का आयोजन प्रमुखता से किया जाता है। गरबा नृत्य में महिलाएं एक गोल घेरा बनाकर नृत्य करती हैं और बीच में एक मिट्टी का मटका रखा जाता है, जिसमें दीप जलता है। यह मटका जीवन, सृजन और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। गरबा नृत्य का यह आयोजन देवी दुर्गा की आराधना के रूप में होता है और इसे खास तौर पर गुजरात और महाराष्ट्र में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है।
नवरात्रि 2024 के दौरान पूजा विधि
नवरात्रि के दौरान घरों में देवी दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना की जाती है। हर दिन देवी के एक अलग स्वरूप की पूजा होती है। नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जबकि दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की। इसी प्रकार, नौ दिनों तक मां के नौ रूपों की आराधना होती है। पूजा के दौरान भक्त मां को नारियल, चुनरी, फूल और मिठाई अर्पित करते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं।
नवरात्रि के दौरान उपवास के फायदे
नवरात्रि के दौरान उपवास रखने से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि यह शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है। उपवास के दौरान हल्का और सात्विक भोजन करने से शरीर को शुद्धता मिलती है और पाचन तंत्र को आराम मिलता है। उपवास के दौरान फल, दूध और सूखे मेवे का सेवन शरीर के लिए ऊर्जा का स्रोत बनते हैं।
नवरात्रि 2024: तिथियां और शुभ मुहूर्त
नवरात्रि का पर्व इस साल 10 अक्टूबर 2024 से शुरू होगा और 18 अक्टूबर 2024 को समाप्त होगा। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 10 अक्टूबर को प्रातः 6:30 बजे से 8:00 बजे तक रहेगा। इस दिन देवी की प्रतिमा या कलश की स्थापना की जाती है और नौ दिनों तक मां की पूजा की जाती है।
नवरात्रि में क्या करें और क्या न करें?
नवरात्रि के दौरान कुछ खास नियमों का पालन करना शुभ माना जाता है। उपवास के दौरान तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, अंडा और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही, नौ दिनों तक शुद्धता बनाए रखना आवश्यक होता है। नवरात्रि के दौरान बुरी आदतों से दूर रहना और मन को शुद्ध रखना चाहिए।
नवरात्रि का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
नवरात्रि का पर्व धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस समय लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, मेलों का आयोजन होता है और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं। खासतौर पर गुजरात और पश्चिम बंगाल में इस पर्व की रौनक देखने लायक होती है। यहां दुर्गा पूजा के साथ-साथ गरबा और डांडिया रास का आयोजन भी होता है, जिसमें लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
नवरात्रि का पर्व भारतीय समाज में उत्सव, भक्ति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। इस पर्व के दौरान देवी दुर्गा की उपासना करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सकारात्मकता आती है। नवरात्रि 2024 के दौरान मां दुर्गा की पूजा करके हम अपने जीवन को सुख, समृद्धि और शांति से भर सकते हैं।
More Stories
Maharashtra Elections 2024: ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री कौन? फडणवीस, शिंदे या पवार?
iPhone 15 Pro Max पर हजारों का डिस्काउंट, Amazon पर मिल रहा नया ऑफर, एक क्लिक में देखें Details-
रिजल्ट से पहले संजय राउत का बड़ा बयान, ‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में कुछ तो गड़बड़ है’