सितंबर के अंतिम सप्ताह में देशभर के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश का कहर देखने को मिल रहा है। मुंबई में बुधवार की शाम महज़ पांच घंटों के भीतर करीब 4 इंच बारिश ने शहर की सड़कों को नदियों में तब्दील कर दिया। गाड़ियों की लंबी कतारों में लोग घंटों फंसे रहे, वहीं हवाई यात्रा पर भी असर पड़ा। मुंबई एयरपोर्ट से 14 फ्लाइट्स को डायवर्ट करना पड़ा और लोकल ट्रेनों की गति पर भी ब्रेक लग गया।
मुंबई में मौत की बारिश
भारी बारिश के बीच मुंबई में दुखद हादसे भी हुए। मुंबई में भारी बारिश के कारण 4 लोगों की मौत भी हुई। यहां अंधेरी में खुले मैनहोल की वजह से एक महिला नाले में डूब गई। इस घटना के बाद पूरे मुंबई में हड़कंप मच गया। शहर और इसके आस-पास के इलाकों में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं, और प्रशासन ने लोगों को घर से न निकलने की सलाह दी है। यहां तक कि पुणे के परशुराम कॉलेज ग्राउंड में पानी भरने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को रद्द करना पड़ा।
गुजरात में भी हालात बिगड़े
गुजरात के सूरत में भी बारिश ने कहर ढाया। सिर्फ दो घंटे में 2 इंच बारिश के बाद कदरसा और संग्रामपुरा इलाकों में नहरों का पानी सड़कों पर आ गया। कई स्कूलों में बच्चे फंस गए, जिन्हें दमकल विभाग की टीम ने सुरक्षित निकाला। सूरत के सिविल अस्पताल में भी पानी भर गया। अगले पांच दिनों तक राज्य के कई हिस्सों में बारिश की संभावना जताई जा रही है।
अन्य राज्यों में भी हालात गंभीर
मध्य प्रदेश के खंडवा में बुधवार को 9 घंटे में 2.3 इंच बारिश दर्ज की गई, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। भोपाल और इंदौर समेत राज्य के 21 जिलों में भी भारी बारिश हुई। उत्तर प्रदेश के मथुरा में पानी का स्तर दो से तीन फीट तक बढ़ गया, यहां तक कि शहर के रजिस्ट्री ऑफिस में भी पानी घुस गया।
क्यों हो रही है इतनी बारिश?
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस बार मानसून की वापसी में देरी हुई है। सामान्य रूप से 17 सितंबर को राजस्थान से मानसून विदा होना शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार यह प्रक्रिया 23 सितंबर से शुरू हुई है, जिससे महाराष्ट्र में मानसून की विदाई 10-12 अक्टूबर से पहले नहीं होगी। इसके साथ ही, बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के कारण महाराष्ट्र और गोवा में 28 सितंबर तक भारी बारिश जारी रहेगी।आगामी दिनों में भारी बारिश की चेतावनी
27 सितंबर को पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम, कोंकण-गोवा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात समेत सात राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। उत्तराखंड, असम, और मेघालय सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में भी तेज बारिश की चेतावनी दी गई है।
यह स्थिति न सिर्फ चिंताजनक है, बल्कि सरकार और नगर पालिकाओं के लिए एक चेतावनी भी है। जिस तरह से शहरों में पानी भर रहा है और लोगों की जान जा रही है, यह स्पष्ट संकेत है कि हमारे बुनियादी ढांचे को मौसम की मार सहने के लिए तैयार किया जाना चाहिए। हमें आधुनिक जल निकासी प्रणाली और बचाव योजनाओं को प्राथमिकता देनी होगी, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे न हों।
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