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Saturday, September 14   8:39:10
Chandipura Virus (1)

Chandipura Virus: गुजरात में नए वायरस की दस्तक, 2 दिन के अंदर 6 बच्चों की मौत

Chandipura Virus: गुजरात में इन दिनों एक वायरस लोगों के लिए बड़ी समस्या बना हुआ है। राज्य के अरावली जिले में पिछले कुछ हफ्तो में चांदीपुरा वायरस का प्रकोप जारी है। ये बीमारी चिंता का विषय इसलिए बन गई है क्योंकि इसके कारण जिले में अब तक 6 मौतें हो चुकी हैं।

इस बारे में गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि, “अभी तक 6 मौतें हुई हैं, हालांकि मौत का कारण चांदीपुरा वायरस है, इसकी पुष्टि नहीं हुई है।” ऐसे में आज हम आपको इस चांदीपुरा वायरस के बारे में जरूरी जानकारी देने जा रहे हैं।

क्या है चांदीपुरा वायरस 
चांदीपुरा वायरस एडिनो-एसोसिएटेड वायरस (Adeno-Associated Virus – AAV) का एक प्रकार है, जो श्वसन संक्रमण का कारण बनता है। यह वायरस मुख्य रूप से 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को संक्रमित करता है, लेकिन बड़े वयस्कों को भी प्रभावित कर सकता है।

चांदीपुरा वायरस के लक्षण:

  • बुखार
  • खांसी
  • बहती नाक
  • गले में खराश
  • सांस लेने में तकलीफ
  • निमोनिया (गंभीर मामलों में)

यह वायरस कैसे फैलता है?

चांदीपुरा वायरस दूसरे वायरस की तरह ही संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से फैलता है।

चांदीपुरा वायरस का इलाज:

इस वायरस का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है। लक्षणों का इलाज आराम, तरल पदार्थ और दवाओं (जैसे कि दर्द निवारक और बुखार कम करने वाली दवाएं) से किया जाता है। गंभीर मामलों में, अस्पताल में भर्ती और ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता हो सकती है।

कैसे करें चांदीपुरा वायरस से बचाव:

  • बार-बार हाथ धोना
  • संक्रमित व्यक्ति से संपर्क से बचना
  • खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को ढंकना
  • दूषित सतहों को छूने से बचना
  • यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि चांदीपुरा वायरस आमतौर पर हल्का होता है और ज्यादातर लोग बिना किसी गंभीर जटिलता के ठीक हो जाते हैं।

लेकिन, यदि आपको या आपके बच्चे को गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

यहां कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:

चांदीपुरा वायरस गुजरात में पहली बार 2008 में खोजा गया था।
यह वायरस भारत के अन्य राज्यों में भी पाया गया है।
वैज्ञानिक इस वायरस के बारे में अधिक जानने और इसके लिए एक टीका विकसित करने के लिए शोध कर रहे हैं।