राहुल गांधी… 2024 के चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाला चेहरा,वे कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष भी रहे हैं। वह भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाती के बेटे हैं। उनकी दादी पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी थीं। मारे गए पूर्व प्रधान मंत्री-राजीव गांधी और मां सोनिया गांधी के वे बेटे हैं, उनकी एक छोटी बहन हैं प्रियंका गांधी वाड्रा, जो भी राजनीति में सक्रिय हैं। राहुल गांधी की प्राथमिक शिक्षा दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज में हुई थी और फिर वे देहरादून चले गए। उन्होंने हार्वर्ड कॉलेज और रोलिन कॉलेज, फ्लोरिडा में दाखिला लिया, जहां से उन्होंने बैचलर ऑफ आर्ट्स के साथ ग्रेजुएट की उपाधि प्राप्त की। राहुल ने ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से विकास अध्ययन में अपनी एम फिल पूरी की।
वैसे उनकी डिग्री को लेकर हमेशा ही सवाल उठते रहे हैं। राजनीति में प्रवेश करने से पहले उन्होंने निजी फर्मों के लिए काम भी किया।राहुल ने 2004 में अपने सक्रिय राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने उत्तर प्रदेश में अमेठी अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा और 15 वर्षों तक वे अमेठी के सांसद रहे, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में वह भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए । वर्तमान में, वह केरल के वायनाड लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से संसद के सदस्य हैं। गांधी परिवार के होने की वजह से राहुल गांधी हमेशा ही विपक्ष के निशाने पर रहे, शुरुआत में सही मुद्दों के सही उत्तर ना दे पाना उनकी कमजोरी रही, क्योंकि गांधी परिवार से उनका ताल्लुक था,परिवारवाद का ताना भी वह हमेशा झेलते रहे। कई चीजों का ज्ञान उन्हें नहीं होने की खूब खिल्ली भी उड़ाई गई। मोदी जी पर टिप्पणी करने पर राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द भी की गई लेकिन लंबी कानूनी लड़ाई के बाद जीत राहुल गांधी की हुई।
राहुल गांधी ने 16 दिसंबर, 2017 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद की शपथ ली। भारत की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष के रूप में, जिसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की, उन्होंने पूरे देश के लोगों की आवाज़ को बुलंद किया।
सालों तक वह काम करते रहे लेकिन देश ने उन्हें तब सीरियस लिया जब उन्होंने ऐतिहासिक भारत जोड़ो यात्रा शुरू की और आजादी के समय के स्वतंत्रता सेनानी जिस तरह देश को बचाने के लिए लड़ रहे थे,उसी तरह वह देशवासियों से रूबरू हुए । सितंबर 2022 में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू करके कांग्रेस के सहिष्णुता, एकता, करुणा और प्रेम के संदेश को सीधे लोगों तक पहुंचाया । 4080 किलोमीटर की यह विशाल पदयात्रा 7 सितंबर, 2022 को दक्षिण में कन्याकुमारी से शुरू हुई और 30 जनवरी, 2023 को उत्तर में कश्मीर में समाप्त हुई।यह यात्रा बहुत सफल रही, जिसमें लाखों लोगों ने भाग लिया और प्रेम, न्याय और सहिष्णुता के संदेश के लिए अपना समर्थन दिखाया। राहुल गांधी जहां-जहां गए वहां-वहां उन्होंने कहा की नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने आया हूं।
राहुल गांधी अब राजनीति के मजे हुए खिलाड़ी बन गए हैं, देश की दुखती रग को दबाना वह खूब जान गए हैं। अभूतपूर्व भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पैदल चलते चलते राहुल ने विभिन्न एज ग्रुप, क्षेत्रों, धर्मों, व्यवसायों के लोगों से मुलाकात की, जो अलग-अलग भाषाएँ बोलते थे, लेकिन वे सभी भारत के विचार से एकजुट थे।न्याय के लिए अपने अथक प्रयास के बाद, जनवरी 2024 में, राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू की। BJNY – भारत के उत्तर पूर्व में मणिपुर से पश्चिमी तट पर मुंबई तक की यात्रा 14 जनवरी, 2024 को शुरू हुई और 16 मार्च, 2024 को समाप्त हुई। 6,700 किलोमीटर लंबी यह यात्रा भारत के लोगों को व्यापक सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय दिलाने पर केंद्रित रही।और इन्हीं यात्राओं का नतीजा रहा की एक समय पप्पू कहकर जिन्हें भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी हल्के में लेते थे वह अब उन्हें शहजादा कहते हैं और उनके भाषण में बोली गई हर बात का जवाब प्रधानमंत्री खुद अपने भाषण में देते हैं।
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इस बार भाजपा और मोदी को हराने कांग्रेस पार्टी की अगवाई में विपक्षी दलों ने इंडिया गठबंधन बनाया और मजबूती से चुनाव लड़ा, नरेंद्र मोदी को कई मोर्चों पर घेरने वाले राहुल गांधी अब देश के सामने एक मजबूत नेता के रूप में उभर कर आए हैं लेकिन उनकी इस छवि से उन्हें वोट मिलते हैं कि नहीं यह देखना आज दिलचस्प जरूर होगा।
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