सनातम धर्म में वैसे तो हर हफ्ता किसी न किसी देवी-देवताओं को समर्पित होता है। उन्हीं में से एक शनिवार का दिन कर्म और न्याय के देवता शनिदेव को अर्पित है। इस दिन नियमानुसार शनिदेव की पूजा अर्चना करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। शनिवार के दिन शनि मंदिर जाकर शनिदेव के दर्शन करने और उनसे जुड़ी पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इस दिन शनिदेव के साथ हनुमान जी की भी पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व है। शास्त्रों में शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के कई उपाय बताए गए हैं। इस विधि से शनिदेव की पूजा करने से सारी मनोकमनाएं पूरी हो जाती हैं।
पूजा करने की विधि
सबसे पहले यदि आप शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए व्रत करते हैं तो उसके एक दिन पहले से ही मांस मंदिरा का सेवन त्याग करना पड़ेगा। शनिवार को सुबह उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनकर भगवान शनिदेव के समक्ष पूजा और व्रत का नियम लेना होगा।
उसके बाद पीपल के पेड़ में जल अर्पित कर मन में शनिदेव का ध्यान करते हुए सात परिक्रमा लगाएं। इस दौरान पीपल के पेड़ में कच्चा सूट चारो ओर लपेटना शुभ माना जाता है। इस दिन शनिदेव की कथा सुनने से विशेष लाभ मिलता है। इसके बाद शाम को शनिदेव की आरती करना जरूरी है।
वैसे तो शनिवार को शनिदेव को प्रसन्न करने के कई उपाय हैं, लेकिन इस दिन कुछ ऐसे भी कार्य हैं जिसे करने से परिणाम उलटा हो सकता है।
जानें शनिवार के दिन क्या नहीं करना चाहिए
शनिवार को शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनके सामने तेल का दिया जलाया जाता है। इसके अलावा सरसों के तेल का दान भी किया जाता है। शनिवार के दिन तेल का दान करना तो शुभमाना जाता है, लेकिन भूलकर भी इस दिन सरसों का तेल नहीं खरीदना चाहिए। जो भी व्यक्ति आज के दिन सरसों का तेल खरीदता है उसके जीवन में कई प्रकार की परेशानियां आती हैं।
आज के दिन काले रंग के जूते चप्पल, काली दाल, नमक, लोहे की वस्तुएं, गाड़ी-मोटर आदी सामान नहीं खरीदना चाहिए। इससे घर में दरिद्रता आती है और इससे शनिदोष में वृद्धि होती है।
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