103 वर्षीय भारतीय मूल के. सी.राव को सांख्यिकी (statistic) में नोबेल प्राइज समकक्ष अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
वर्ष 2020 में 100 वर्ष पूर्ण करने वाले और फिलहाल 103 वर्ष के भारतीय मूल के केलिमपुडी राधाकृष्ण राव उर्फ सी. आर. राव को सांख्यिकी यानि स्टैटिसटिक्स में उनके योगदान के लिए जुलाई में ओटावा में द्विवार्षिक अंतरराष्ट्रीय सांख्यिकी संस्थान विश्व सांख्यिकी कांग्रेस में नोबेल पुरस्कार समक्ष पुरस्कार से सम्मानित किया गया।नयह पुरस्कार 80,000 डॉलर का है। 1 अप्रैल के रोज इस पुरस्कार की घोषणा हुई थी।
पिछले 7 दशकों से अधिक समय में स्टैटिक विज्ञान पर अमिट प्रभाव डालने वाले सी.आर.राव को भारतीय विज्ञान अकादमी द्वारा निर्मित जर्नल प्रोसीडिंग मैथमेटिकल साइंसेज में “जीवित किंवदंती”बताते हुए लेख प्रकाशित किया है। वर्ष 2010 से यू. बी. संकाय के वे सदस्य हैं। स्टैटिसटिक्स में राव का व्यक्तित्व सर्वकालिक महानतम रहा है। उन्हें अब तक अनेकों पुरस्कार मिल चुके हैं। उनकी विद्वत्ता ने केवल स्टैटिक के सिद्धांत ही नहीं बदले लेकिन, जोखिम विश्लेषण, मौसम की भविष्यवाणी ,चिकित्सा निदान, अनुवांशिक तक के क्षेत्र में अनेकों प्रयोग किए हैं।
राधाकृष्ण राव ने सन 1945 में कोलकाता गणितीय समिति के बुलेटिन में प्रकाशित लेख में आज के विज्ञान में बड़े पैमाने पर उपयोग में लाए जाते तीन स्टैटिक उपकरण प्रदान किये। वह है , क्रेमर राव, राव ब्लैकवेल, और सूचना ज्यामिति। 103 वर्षीय जीवित किंवदंती के उपनाम से जाने जाते भारतीय मूल के कैलिमपुड़ी राधाकृष्णन राव इस उम्र में भी स्टैटिक के लिए निरंतर कार्यरत है । उन्हें वी. एन. एम. टीवी सलाम करता है।
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