काली चौदश की रात, जिसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदश के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस रात की पूजा-साधना को बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और अपार शक्ति व सौभाग्य का आशीर्वाद देता है।
काली चौदश का महत्व
काली चौदश की रात पौराणिक कथाओं के अनुसार शक्ति और संरक्षण का प्रतीक है। यह दिन आत्म-सुधार, शक्ति संचय और बुरी शक्तियों के नाश के लिए उपयुक्त माना गया है। कहते हैं कि इस दिन की गई साधना से न केवल भौतिक बल्कि आध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त होते हैं।
7 बार हनुमान चालीसा का पाठ क्यों करें
हनुमान चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति, साहस, और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है। विशेष रूप से काली चौदश के दिन 7 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से असीम ऊर्जा और साहस की प्राप्ति होती है और घर में नकारात्मकता का नाश होता है।
काली चौदश पूजा की विधि
- शाम के समय स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं।
- शुद्धता और एकाग्रता के साथ 7 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- पूजा के बाद अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान हनुमान से प्रार्थना करें।
काली चौदश की रात का महत्व इस बात में है कि यह आत्म-सुधार और आत्म-संरक्षण का दिन है। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से ना केवल सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है बल्कि मनुष्य के जीवन में आने वाली बाधाओं का भी नाश होता है।
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