पहले दो लेखों में हम ने जाना की शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक हैं,और उससे जुड़ी समस्याएं पहचान कर उनका निदान करना भी आवश्यक हैं।
भगवत गीता में भी कहा गया है, सच्चा स्वास्थ्य सिर्फ शारीरिक तंदुरुस्ती ही नहीं है बल्कि मानसिक स्पष्टता और आध्यात्मिक ज्ञान भी हैं।
इस लेख में योग और ध्यान करने के लिए सब का ध्यान केन्द्रित करना चाहती हूं।
योग और ध्यान का प्रतिदिन अभ्यास करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता हैं। मन को शांत रखने के साथ शारीरिक रुप से उपयोगी हैं।विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए योग का अभ्यास करना लाभदायक हैं।
जो चिंता को कम करता है,ताकत और आत्मविश्वास का निर्माण बढाता हैं। हेल्दी तन मन और पॉजिटिव सोच के लिए ध्यान करना बहुत जरूरी हैं।
योग अभ्यास करने के समय हम मोटर क्षमताओ को मजबूत बनाते है और संतुलन विकसित करते है और एकाग्रता को बढ़ाता हैं।
विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए सुरक्षित तकनीके-
1. 1-5 मिनट ध्यान करना- ध्यान केन्द्रित करने के लिए कोई वस्तु का उपयोग करें,बच्चे को जमीन पर बैठा कर उस वस्तु पर ध्यान केन्द्रित करने और सांस अंदर बाहर करने के लिए कहें। ध्यान लगा ने के लिए बच्चों के पास बैठ कर उनकी सहायता करें, ध्यान केन्द्रित कर ने में बच्चा सफल हो तो, ध्यान केन्द्रित करने का समय बठा सकते हैं।
2. श्वास गिनती- तीन की गिनती तक सांस अंदर बाहर करें, इस तरह यह शुरुआत में 3-5 बार करें और बाद में ज्यादा समय तक कर सकते हैं। यह योग लेटकर या जमीन पर बैठ कर कर सकते हैं।
3. महासागर श्वास- नाक से सांस अंदर ले और मुह से सांस बाहर छोड़ते हुए आवाज निकालें। ऐसा करने से बच्चे की थकावट और तनाव दूर हो सकता हैं।
4. वृक्षासन- इस आसन में एक पैर पर खड़े होना है और संतुलन बनाए रखना हैं। दूसरे पैर को घुटने के ऊपर टिकाना है,अपने शरीर का संतुलन बनाए रखना हैं। बारी- बारी से दोनो पैरो से करना हैं।
योग और ध्यान के साथ एक दिनचर्या बनाना और निरन्तर अभ्यास करने से बच्चो के मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव होता हैं।
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