World Snake Day 2024: मानसून के साथ-साथ गुजरात में साँप काटने के मामले भी बढ़ने लगते हैं। पिछले 6 सालों में गुजरात में 33 हजार से ज्यादा लोगों को सांपों ने डस चुका है। सर्पदंश के सबसे ज्यादा मामले दक्षिण गुजरात से सामने आते हैं।
हर साल 16 जुलाई को ‘विश्व सर्प दिवस’ (World Snake Day) के रूप में मनाया जाता है। मानसून में खासकर ग्रामीण इलाकों में सांप काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। आपातकालीन सेवा ‘108’ से प्राप्त विवरण के अनुसार, वलसाड में 2019 से जून 2024 तक सर्पदंश के सबसे अधिक 3012 मामले दर्ज किए गए, जबकि डांग 2186 के साथ दूसरे स्थान पर था। सर्पदंश का यदि जल्द इलाज न किया जाए तो जहर के कारण इंसान के मरने की संभावना बढ़ जाती है।
सांप के डसने का कारण
सर्प विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून में सर्पदंश का कारण ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के अलावा सांपों के अंडों से निकलने का समय भी है। गुजरात में पाई जाने वाली लगभग 60 से 62 प्रजातियों में से केवल चार सांपों का काटना इंसानों के लिए घातक साबित हो सकता है। हालाँकि, अगर साँप के काटने पर एक मिनट भी समय बर्बाद किए बिना तुरंत उपचार दिया जाए तो जान बचाई जा सकती है।
गुजरात सहित भारत में सर्पदंश से होने वाली सबसे अधिक मौतों के लिए मुख्य रूप से चार जहरीले सांप जिम्मेदार हैं। इनमें नाग (इंडियन कोबरा), कर्नाटारो (इंडियन क्रेट), खडचिटालो (रसेल्स वाइपर) और फुरसो (सॉ स्केल्ड वाइपर) शामिल हैं।
जानकारों के अनुसार, यह आखिरी उपाय के तौर पर ही इंसानों को काटता है, जब कोई दूसरा विकल्प न हो। सांप को न छेड़ें और यदि आप उसकी उपस्थिति से भयभीत नहीं होंगे, तो वह चुपचाप आपके पैरों से फिसल जाएगा।
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