CATEGORIES

April 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
Friday, April 18   11:40:17

पृथ्वी पर ओजोन लेयर के बिना जीवन अकाल्पनिक, लगातार क्षय होने से बढ़ रही वैज्ञनिकों की चिंता

हमारी पृथ्वी के लिए ओजोन लेयर एक सुरक्षा कवच है। यह सूरज से आने वाली पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी को प्रोटेक्ट करती है। पृथ्वी पर जीवन संभव बनाने में इस ओजोन लेयर की अहम भूमिका है। ओजोन लेयर के इन्हीं महत्वों को लोगों तक पहुंचाने और जागरूक करने के लिए हर साल 16 सितंबर को ओजोन दिवस मनाया जाता है। इसके बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।

ओजोन दिवस के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि ओजोन परत इतनी जरूरी क्यों? और आखिर दुनिया में ओजोन दिवस क्यों मनाया जाता है।

ओजोन लेयर है क्या

पृथ्वी के वायुमंडल की एक परत को ओजोन परत कहा जाता है। यह परत सूरज से आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों को पृथ्वी में प्रवेश करने से रोकती है। ओजोन लेयर ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं (o3) से मिलकर बनने वाली गैस है। ओजोन लेयर की खोज 1913 में फ्रांस के भौतिकविदों फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी। ओजोन लेयर वायुमंडल की सबसे ऊपरी परत को कहा जाता है।

ओजोन दिवस का इतिहास

सन् 1970 में पहली बार वैज्ञानिकों ने ओजोन परत में छेद होने के बारे में दुनिया को बताया था। इसके बाद दुनियाभर में इसके उपाय को लेकर बैठक शुरू होने लगी। साल 1985 में ओजोन परत की सुरक्षा के लिए वियना कन्वेंशन को अपनाया। 16 सितंबर 1987 को संयुक्त राष्ट्र और 45 अन्य देशों ने ओजोन लेयर को खत्म करने वाले पदार्थों को लेकर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद 19 दिसंबर 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 16 दिसंबर की तारीख को ‘वर्ल्ड ओजोन डे’ मनाने का फैसला किया। इसके बाद 1995 में पहली बार ‘वर्ल्ड ओजोन डे’ मनाया गया।

पृथ्वी पर लगातार बढ़ रहे प्रदूषण का असर वायुमंडल पर पड़ रहा है। इस वजह से ये ओजोन परत का क्षय भी हो रहा है। पर्यावरण और ओजोन परत को बचाने के लिए साल भर वृक्षारोपण के साथ अनेक कार्यक्रम और जागरूकता गोष्ठियां की जाती है। लेकिन, कागजों में कुछ और हकीकत में कुछ और दिखाई दे रहा है। साल भर कागजों में लाखों पौधे लग रहे हैं, लेकिन हकीकत में पांच प्रतिशत पौधे भी नहीं बच पा रहे हैं। वहीं अंधाधुन पेड़ों की कटाई, उद्योग, कारखानों से निकलने वाले धुएं पर अंकुश नहीं लग पाने से स्थिति और खराब होती जा रही है। वहीं हमारे A.C. और फ्रीज से निकलने वाली सीएफसी गैस इस ओजोन परत को क्षति पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।