CATEGORIES

May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
Monday, May 5   10:23:47

विश्व सुलेखन दिवस : कैलीग्राफी कला से व्यवसाय तक

(नलिनी रावल)

विश्व सुलेखन दिवस हर साल 14 अगस्त को मनाया जाता है ।इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है, सुलेख और कैलीग्राफी को प्रोत्साहन देना।

हम सबको याद है कि जब स्कूल में पढ़ते थे तो टीचर हमारी लिखाई को बेहतरीन बनाने पर जोर देते थे। कहते है लिखाई से व्यक्ति का व्यक्तित्व झलकता है। सुलेख और श्रुतलेख का तब खास महत्व था। सुलेख यानि जो दिया है उसे सुंदर अक्षरों में लिखना,और श्रुतलेख का अर्थ है,जो टीचर बोल रहे है ,उसे अच्छे अक्षरों में लिखना। हम सब की लिखाई को इसी तरह गढ़ा गया।

पर आज तो हाथ के पंजे में समा जाते छोटे से मोबाइल में टाइप की भी जरूरत नहीं रही,बोलते जाओ छपता जायेगा।इसीलिए शायद विश्व सुलेखन दिवस मनाना जरुरी है।

हरेक स्क्रिप्ट का अपना इतिहास और संस्कृति है।सुलेखन एक कला है।सुंदर मरोड़दार अक्षर पढ़ने वाले के दिल में उतर जाते है।लेखन शब्दों से ही होता है। प्राप्त जानकारी अनुसार 3200 बीसी में सुमेरियन सदी में पहला शब्द मिट्टी के पत्थर पर लिखा गया था ।शुरुआत में लेखन पक्षी के पंख से बाद में लकड़ी की कलम लिखा जाता था।फिर दौर आया पेंसिल और पेन का। सुंदर मरोड़दार अक्षर सुलेखन के साथ-साथ दृश्य कला का भी संयोजन करते हैं। यह एक प्रकार का आर्ट फॉर्म है।

सुलेखन ने आज कैलीग्राफी का रूप ले लिया है और व्यवसाय का भी।घर पर बैठे बैठे ही अलग अलग तरह के कार्ड्स, सुवाक्य लिखकर लोग अर्थोपार्जन करने लगे है।आज तो इस कला के क्लासेस भी शुरू हो गए है।

यूं पंख ,कलम, कित्ता,से शुरू हुआ यह दौर मीलों दूर निकल कर कला का स्वरूप ले चुका है।