01-08-2023
कहते हैं एक नवजात को जन्म देने के बाद मां का भी दूसरा जन्म होता है. इस बात की गहराई मां बनने के बाद बखूबी समझ आ जाती है. इसकी शुरूआत शिशु के गर्भ में आने के बाद से ही हो जाती है. लेकिन, शिशु के जन्म के बाद ही मां के आंचल में दुध आ जाता है जो शिशु के लिए अमृत से कम नहीं होता.
यह अमृत हर शिशु को मिले इसके लिए हर साल अगस्त के पहले हफ्ते यानी एक अगस्त से सात अगस्त को विश्व स्तनपान दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह खास सप्ताह लोगों को स्तनपान से जुड़े फायदे और जरूरत के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है.
इस साल वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक की थीम इनऐबल ब्रेस्टफीडिंग-मेंकिंग ए डिफ्रेंनस फॉर वर्किंग वूमेन रखी गई. जिसका मतलब है कि जो महिलाएं नौकरी करती हैं और उन्हें मैटरनिटी लीव के बाद ऑफिस आना पड़ता है. उन्हें ऑफिस पर ब्रेस्टफीडिंग की व्यवस्था की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है.
ब्रेस्टफीडिंग की जरूरत जितनी एक शिशु के लिए हैं उतनी ही आवश्यक एक मां के लिए भी है. इसलिए यह सप्ताह लोगों को स्तनपान से जुड़े फायदे और जरूरत के प्रति जागरूक करने के लिए वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक मनाया जाता है.
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