World Braille Day 2025: हर साल 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाता है, जो ब्रेल लिपि की परिवर्तनकारी शक्ति और दृष्टिबाधित व्यक्तियों के जीवन पर इसके गहरे प्रभाव को सम्मानित करने का दिन है। यह दिन लुई ब्रेल के जन्म की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने एक स्पर्शनीय लेखन प्रणाली का आविष्कार किया। ब्रेल केवल पढ़ने और लिखने का उपकरण नहीं है; यह दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए सशक्तिकरण और स्वतंत्रता का प्रतीक है।
ब्रेल की कहानी 19वीं सदी की शुरुआत में फ्रांस के कूप्व्रे शहर से शुरू होती है, जहां 1809 में लुई ब्रेल का जन्म हुआ था। बचपन में ही एक दुर्घटना के कारण उन्होंने अपनी दृष्टि खो दी, लेकिन इस घटना ने उनके संकल्प और बुद्धिमत्ता को कमजोर नहीं किया।
10 वर्ष की उम्र में, लुई ने पेरिस के रॉयल इंस्टीट्यूट फॉर ब्लाइंड यूथ में छात्रवृत्ति प्राप्त की, जो कि दृष्टिबाधित बच्चों के लिए स्थापित पहली संस्थाओं में से एक थी। उस समय, दृष्टिहीन लोगों को पढ़ाने के लिए मुख्यतः उभरे हुए अक्षरों का उपयोग किया जाता था, लेकिन यह तरीका धीमा और बोझिल था।
इसी दौरान, लुई ब्रेल को एक पूर्ववर्ती स्पर्शनीय लिपि से परिचित कराया गया। फ्रांसीसी सेना के कप्तान चार्ल्स बार्बियर ने “नाइट राइटिंग” नामक एक स्पर्शनीय कोड विकसित किया था, जिससे सैनिक अंधेरे में बिना रोशनी किए संदेश पढ़ सकते थे। यह प्रणाली जटिल थी, लेकिन इसने लुई ब्रेल को इसे और बेहतर बनाने की प्रेरणा दी।
ब्रेल प्रणाली का विकास
15 वर्ष की आयु तक, लुई ब्रेल ने अपने स्पर्शनीय कोड को पूर्ण कर लिया था। उन्होंने “नाइट राइटिंग” की 12-डॉट प्रणाली को सरल बनाकर 6-डॉट सेल में परिवर्तित किया। प्रत्येक सेल में अक्षर, संख्या, विराम चिह्न, यहाँ तक कि संगीत नोट्स भी दर्शाए जा सकते थे। इस प्रणाली की सादगी और प्रभावशीलता ने इसे अधिक व्यावहारिक बना दिया।
हालांकि ब्रेल प्रणाली क्रांतिकारी थी, लेकिन इसे तत्काल स्वीकार नहीं किया गया। शिक्षकों और संस्थानों ने पारंपरिक तरीकों को छोड़ने में हिचकिचाहट दिखाई। लेकिन लुई ब्रेल की दृढ़ता और इस प्रणाली की बढ़ती मान्यता ने अंततः इसे व्यापक रूप से अपनाने का मार्ग प्रशस्त किया। 19वीं सदी के मध्य तक, ब्रेल वैश्विक स्तर पर स्वीकृत स्पर्शनीय लेखन प्रणाली बन गई।
ब्रेल का वैश्विक महत्व
आज, ब्रेल लगभग हर भाषा में उपयोग किया जाता है। यह न केवल संचार का साधन है, बल्कि शिक्षा, रोजगार और सामाजिक समावेशन का भी पुल है। ब्रेल केवल साक्षरता तक सीमित नहीं है; यह दृष्टिहीन व्यक्तियों को जानकारी तक पहुँचने, अपने अधिकारों का प्रयोग करने और समाज में पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने की शक्ति देता है।
तकनीकी प्रगति ने ब्रेल की पहुँच को और अधिक विस्तृत किया है। ब्रेल ई-रीडर और रिफ्रेशेबल ब्रेल डिस्प्ले जैसी डिवाइसें डिजिटल प्रौद्योगिकी के साथ स्पर्शनीय पढ़ने को एकीकृत कर रही हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं के लिए पुस्तकें, दस्तावेज़ और ऑनलाइन सामग्री तक पहुँचना आसान हो गया है। ये नवाचार डिजिटल युग में भी ब्रेल की प्रासंगिकता को बनाए रखते हैं।
चुनौतियां और आगे का रास्ता
इसके महत्व के बावजूद, ब्रेल तक पहुँच अभी भी कई लोगों के लिए एक चुनौती बनी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 253 मिलियन लोग दृष्टिबाधित हैं, लेकिन उनमें से केवल एक छोटा हिस्सा ही ब्रेल संसाधनों तक पहुँच रखता है। आर्थिक असमानताएँ, सीमित शैक्षिक अवसर और प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी इस अंतर को बढ़ाती हैं।
इस चुनौती का सामना करने के लिए जागरूकता और समर्थन आवश्यक हैं। विश्व ब्रेल दिवस हमें सुलभता और समावेशन को बढ़ावा देने की आवश्यकता की याद दिलाता है। सरकारों, संगठनों और समुदायों को ब्रेल शिक्षा में निवेश करना चाहिए, सस्ते संसाधन विकसित करने चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सार्वजनिक स्थान और सामग्री सभी के लिए सुलभ हों।
लुई ब्रेल की विरासत को सम्मान
लुई ब्रेल की विरासत नवाचार और दृढ़ संकल्प की शक्ति का प्रमाण है। उनके आविष्कार ने अनगिनत जीवन बदल दिए, जिससे दृष्टिबाधित व्यक्तियों को बाधाओं को पार करने और अपने सपनों को पूरा करने में मदद मिली। ब्रेल प्रणाली स्कूलों से लेकर कार्यस्थलों तक नए द्वार खोल रही है, जिससे आत्मनिर्भरता और समानता को बढ़ावा मिल रहा है।
जैसे ही हम विश्व ब्रेल दिवस मनाते हैं, हमें अब तक हुई प्रगति पर विचार करना चाहिए और एक अधिक समावेशी विश्व बनाने की दिशा में प्रतिबद्ध रहना चाहिए। ब्रेल साक्षरता और सुलभता का समर्थन करके, हम लुई ब्रेल की भावना को सम्मानित करते हैं और हर व्यक्ति के गरिमा और अवसर के अधिकार को बनाए रखते हैं।
विश्व ब्रेल दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक आह्वान भी है। यह हमें याद दिलाता है कि ब्रेल और अन्य सुलभता उपकरणों को सभी जरूरतमंदों के लिए उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है। चाहे वह जागरूकता फैलाने के माध्यम से हो, शिक्षा के द्वारा हो या नवाचार के ज़रिए, हम सभी की भूमिका है कि हम एक ऐसे समाज का निर्माण करें जहां कोई भी पीछे न छूटे।
आइए इस दिन को प्रेरणा के रूप में लें और दृष्टिबाधित और अन्य हाशिए के समुदायों के लिए बाधाओं को तोड़ने और समावेशन को बढ़ावा देने के प्रयास जारी रखें। इस तरह, हम लुई ब्रेल की विरासत का सम्मान करेंगे और एक ऐसे विश्व के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करेंगे जो विविधता और समान अवसरों को महत्व देता है।
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