अफगानिस्तान और खासकर काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान ने कहा था कि शरिया के मुताबिक,महिलाओं को काम करने की आजादी दी जाएगी। 10 दिन बाद ही इस आतंकी संगठन का असली चेहरा सामने आ गया है। अब तालिबान ने कहा है कि महिलाएं और लड़कियां घर में ही महफूज रह सकती हैं। उन्हें बाहर नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि तालिबानियों को महिलाओं का सम्मान करने की ट्रेनिंग नहीं दी गई है।
अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद दुनिया को सबसे ज्यादा फिक्र यहां की महिलाओं और लड़कियों की ही है। अब जबकि तालिबान ने खुद उन्हें घरों में कैद रहने का आदेश दिया है तो समझा जा सकता है कि हालात किस कदर खराब हैं।
More Stories
न्याय की मांग या जबरन अधिग्रहण.? गुरदासपुर में किसानों का संघर्ष जारी!
बलूचिस्तान में खूनी खेल: पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक, 120 बंधक और 6 सैनिकों की हत्या!
“औरंगजेब की कब्र पर शौचालय बना दो”—गीतकार मनोज मुंतशिर का विवादित बयान, देश में छिड़ी नई बहस