जिस वक्त पूरे देश की निगाहें नई सरकार की राह देखने में लगी थी उसी वक्त (National Testing Agency) एनटीए ने एक ऐसा फेसला लिया जिससे देश के युवाओं का भविष्य दाव पर लग गया।
मेडिकल कॉलेजों में सववे MBBS में प्रवेश के लिए आयोजित NEET परीक्षा के परिणामों को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। मंगलवार को लोकसभा चुनाव के परिणाम के साथ ही NEET का भी रिजल्ट जारी किया गया था, जबकि यह रिजल्ट 14 जून को आने वाला था। NEET के रिजल्ट में लगभग 89 (नवासी ) छात्रों को 720 में से 720 अंक मिले हैं। इसके अलावा, कई छात्रों को 719, 717, और 718 अंक प्राप्त हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी फार्मूले से इस तरह के अंक आना संभव नहीं है।
इस सभी पैमानों को देखने के बाद इंटरनेट मीडिया पर नीट के परिणामों को लेकर सवालों की बाढ़ आ गई है। जानकारी के लिए बता दें कि नीट परीक्षा में Physics, Chemistry, Zoology and Botany से कुल 200 प्रश्न होते हैं। हर विषय में 180 अंक होते हैं। सभी विषयों में सेक्शन ए से 35 प्रश्न और सेक्शन बी से 15 प्रश्नों में से किसी 10 का उत्तर देना होता है।
इस प्रकार हर विषय में 50 प्रश्नों में से 45 Multiple Choice प्रश्नों के उत्तर दिए जाते हैं। प्रत्येक प्रश्न चार अंकों का होता है। अगर कोई कैंडिडेट एक प्रश्न का गलत उत्तर देता है तो माइनस मार्किंग के कारण एक अंक कट जाता है। ऐसे में उसे 715 अंक मिलेंगे।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा जारी नीट परिणाम को लेकर यह भी शिकायत है कि कई अभ्यर्थियों के नाम में सरनेम नहीं है, और रोल नंबर इस तरह हैं कि सभी के सेंटर एक ही जगह पड़े। एक केंद्र पर इतने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के होने की संभावना कम है। यदि मान भी लें तो 718 और 719 जैसे अंक कैसे आ सकते हैं।
नीट की तैयारी कराने वाले कोचिंग संचालकों का कहना है कि हर बार नीट में 650 अंक कटऑफ पर सरकारी मेडिकल कॉलेज मिल जाता था। इस बार अंकों की स्थिति यह है कि 720 में से 720 अंक पाने वाले अभ्यर्थी भी एम्स दिल्ली में प्रवेश नहीं पा सकते हैं। 705 अंक पाने वाले अभ्यर्थियों की रैंक 1100 से अधिक है। इस बार सात मई को नीट परीक्षा हुई थी, और उससे पहले बिहार से पेपर लीक होने की भी शिकायत आई थी। अब रिजल्ट देखकर सभी हैरान हैं।
वहीं इन दावों को खारिज करते हुए इस नीट का आयोजन करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने परीक्षा में किसी तरह की धांधली या प्रश्न पत्र लीक होने से संबंधित आरोपों से इनकार किया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने अपनी सफाई देते हुए कहा है कि सिर्फ़ उन्हीं विद्यार्थियों को अतिरिक्त मार्क्स दिए गए हैं जिन्हें प्रश्न पत्र समय पर नहीं मिला था।
हालांकि इस बार के नीट में शामिल होने वाले कई विद्यार्थी परीक्षा फिर से आयोजित कराए जाने की मांग कर रहे हैं। देश की कई अदालतों में इसे लेकर मुक़दमे भी दायर किए गए हैं। अब देखने वाली बात है कि एनटीए इस मांग को लेकर क्या ऐक्शन लेती है।
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