CATEGORIES

April 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
Saturday, April 19   10:40:50

World Radio Day: संचार के माध्यम में क्यों है रेडियो का स्थान सबसे ऊपर, जाने रेडियो का इतिहास

World Radio Day: पुरातन समय में जब कोई भाषा नहीं थी, तब लोग इशारों से बात किया करते थे। फिर भाषा की खोज हुई तो लोग एक दुसरे से बात करने लगे। लेकिन, इन दोनों में एक दूसरे से बात करना एक समान बात है। इसे तकनिकी भाषा में संचार कहते हैं। संचार हमारे जीवन का एक अविभाज्य भाग है। दुनिया में संचार का सबसे पहला माध्यम”रेडियो” था। रेडियो का अविष्कार 1895 में Guglielmo Marconi द्वारा किया गया था। हर साल 13 फ़रवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है। यह दिन रेडियो के महत्व के बारे में आम जनता को बताने और इसके इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। 13 फरवरी ही वह तारीख थी जब 1946 में अमेरिका में पहली बार रेडियो ट्रांसमिशन से संदेश भेजा गया था और संयुक्त राष्ट्र रेडियो की शुरुआत हुई थी।

एक समय था जब दुनिया के पास रेडियो के अलावा और कोई संचार का माध्यम नहीं था। तब रेडियो की बहुत ज़्यादा एहमियत थी। जानकारी, खबरें और आपदा के समय सुचना पहुँचाने के अलावा मनोरंजन देने के क्षेत्र में भी रेडियो एक मात्र माध्यम हुआ करता था। लेकिन, बदलते दौर के साथ नए-नए संचार के माध्यम आए और रेडियो का चलन कम होता गया।

भारत के रेडियो का इतिहास

जून 1923 में बॉम्बे के रेडियो क्लब ने देश में पहली बार रेडियो प्रसारण किया था। इसके पांच महीने बाद कलकत्ता रेडियो क्लब की स्थापना की गई थी। जैसे-जैसे समय बीतता गया, रेडियो को आकाशवाणी का नाम दे दिया गया। फिर 8 जून, 1936 को ‘इंडियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सर्विस’ ऑल इंडिया रेडियो (AIR) बन गई।

वर्ल्ड रेडियो डे का इतिहास

साल 2010 में स्पेन रेडियो अकादमी ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद साल 2011 में यूनेस्को के सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और साल 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व रेडियो दिवस के प्रस्ताव को ऑफिशियली स्वीकार। तभी से हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाने लगा।