2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर राजस्थान में भी तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं। यहां की गहलोत सरकार आए दिन नई-नई योजनाओं के साथ जनता से जुड़ने की कोशिश कर रही है। ऐसे में सीएम अपनी योजनाओं की लॉन्चिंग के लिए कांग्रेस के बड़े नेताओं को आमंत्रित कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इससे पीछे भी सीएम गहलोत की बड़ी प्लॉनिंग चल रही है।
जानकारों का मानना है कि सीएम गहलोत चुनाव से पहले पार्टी में अपना वर्चस्व मजबूत करना चाहते हैं। सीएम गहलोत ऐसा कर के एक तीर से कई निशाने लगाने की फिराक में दिखाई दे रहे हैं। गहलोत चाहते हैं कि कांग्रेस आलाकमान को उनकी योजनाओं के बारे में समय-समय पर सारी जानकारी मिलती रहे। वहीं दूसरी ओर टिकट आवंटन की मुख्य धुरी सीएम गहलोत खुद रहना चाहते हैं, वे पायलट की ज्यादा दखलअंदाजी नहीं चाहते। टोंक सचिन पायलट का निर्वाचन क्षेत्र हैं और गहलोत ने भी टोंक के निवाई से ही अपनी योजनाओं की शुरुआत की थी।
गहलोत समर्थकों का कहना है कि सचिन पायलट ने बतौर कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते राजस्थान में अपना एक अलग गुट तैयार कर लिया था। सीएम गहलोत नहीं चाहते हैं कि पायलट समर्थकों को टिकट में किसी भी प्रकार का तवज्जो मिले। शायद इसलिए गहलोत अपनी ही पार्टी में वर्चस्व स्थापित करने के लिए नई-नई योजनाओं का शुभारंभ बड़े चेहरों से करा रहे हैं।
गहलोत सरकार की योजनाएं
- कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भीलवाड़ा के गुलाबपुरा में आयोजित एक कार्यक्रम में कामधेनु योजना का शुभारंभ किया।
- इसके बाद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी 10 सितंबर को टोंक जिले के निवाई में इंदिरा रसोई ग्रामीण योजना की शुरुआत करने जा रही है।
- इससे पहले बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर राहुल गांधी की सभा का आयोजन किया गया था।
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